बोरवेल में गिरे मासूम को निकालने 60 घंटे से रेस्क्यू जारी, रोबोट से निकालने की योजना फेल

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल के गड्ढे में गिरे मासूम को निकालने 60 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मासूम 80 फीट की गहराई वाले गड्ढे में गिरा है। लगभग 60 फीट तक खुदाई हो चुकी है। बच्चे को निकालने सेना, NDRF और SDRF की टीम लगी हुई है। सूरत के महेश अहीर ने अपनी रोबोटिक्स टीम के साथ राहुल को निकालने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। रेस्क्यू टीम सुरंग की खुदाई कर रहा है। पत्थर की वजह से बड़ी मशीन सुरंग तक नहीं पहुंच रही। छेटी ड्रील मशीन से खुदाई हो रही है। अभी लगभग 10 फीट और सुरंग बनाना है। बच्ची की हलचल ने उम्मीद बांध रखी है। रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी कुछ घंटे और लगने की बातें कही जा रही है। मौके पर कलेक्टर, एसपी सहित पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद है।
बता दें कि मुताबिक जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा के पिहरीद गांव में 11 साल का राहुल साहू शुक्रवार को खेलते-खेलते घर के पीछे की तरफ चला गया। राहुल के पिता रामकुमार उर्फ लाला साहू ने घर की बाड़ी में बोर खुदवाया था। वह बोर फेल हो गया था। बोर को खुला छोड़ दिया गया है। खनन स्थान को मिट्टी से भरा भी नहीं गया है। शुक्रवार की दोपहर बोरवेल के गड्ढे में राहुल गिर गया। परिजन जब बाड़ी की तरफ गए तो बच्चे की रोने की आवाज आई, जिसे सुनकर परिजनों को घटना की जानकारी हुई। घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला, एसपी विजय अग्रवाल, एसडीएम रेना जमील, एडिशनल एसपी अनिल सोनी, तहसीलदार सहित जिला व पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची है।
परिजनों से सीएम भूपेश बघेल ने की बात
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर कटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश की रेस्क्यू टीम को बुलाया गया है। गुजरात की रोबोटिक्स टीम द्वारा रविवार को बच्चे को निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद खुदाई काम फिर शुरू किया गया। सीएम ने भेंट-मुलाकात में जशपुर जाने से पहले अपने निवास कार्यालय से राहुल के परिजनों के माता-पिता से बात की थी। दूसरे दिन उसी दादी से वीडियो कॉल पर बात की और कहा कि आप बिलकुल चिंता न करें हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि राहुल का शीघ्र रेस्क्यू हो जाए और वह जल्द ही हम लोगों के बीच सकुशल आए। सीएम भूपेश बघेल लगातार जिला प्रशासन के संपर्क में हैं। वे लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ले रहे हैं।
सुरंग में पाइप के सहारे दिया जा रहा ऑक्सीजन
बच्चे को पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन दिया जा रहा है। 6 जेसीबी व 4 चैन माउनटेन से बोरवेल के गड्ढे के समानतर गड्ढा किया किया गया। हैवी ड्रील मशीन से पत्थर को तोड़ा गया। बोरवेल में फंसे बच्चे तक रात में जूस व फल भी पहुंचाया गया। बच्चे को सुबह जूस दिया गया। बच्चा अभी सुरक्षित है। बच्चे को रेस्क्यू करने ओडिशा के कटक, गुजरात के सूरत व आंध्र प्रदेश से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ राहुल को बोरवेल से निकलने में जुटी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार करीब 60 फीट की खुदाई करने के बाद सुरंग बनाया जा रहा है। 10 फीट सुरंग की खुदाई और की जानी चाहिए। पत्थरों की वजह से खुदाई में दिक्कत आ रही है।
अफसरों सहित 500 से ज्यादा की टीम मौजूद
राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन में जांजगीर कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, एसपी विजय अग्रवाल के साथ 4 आईएएस, 2 आईपीएस, 1 एएसपी, 2 डिप्टी कलेक्टर, 5 तहसीलदार, 4 डीएसपी, 8 इंस्पेक्टर सहित रायगढ़, दुर्ग, बिलासपुर से भी बचाव दल की टीम लगी हुई है। मौके पर पुलिस के करीब 120 जवान बचाव कार्य में लगे हुए हैं। इसके अलावा 32 एनडीआरएफ, 15 एसडीआरएफ और सेना के जवान दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। जिला प्रशासन के 500 अधिकारियों-कर्मचारियों की फौज गांव में मौजूद है। आपात चिकित्सा, फायर ब्रिगेड, बिजली विभाग का अमला गांव में ही मौजूद है। राहुल को सुरक्षित निकलने 4 पोकलेन, 6 जेसीबी, 3 फायर ब्रिगेड, हाइड्रा, स्टोन ब्रेकर, 10 ट्रैक्टर, होरिजेंटल ट्रंक मेकर जैसी मशीनों से काम लिया जा रहा है।