चर्च के फादर और मर्सी की हत्या के आरोपियों को आजीवन कारावास
देहरादून। सहसपुर क्षेत्र रामपुर कस्बे स्थित चर्च के फादर और मर्सी की हत्या के चार में से तीन आरोपियों को आरके खुल्बे की प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषियों पर सात-सात हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माना नहीं देने पर दोषियों को दो-दो माह के अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी। इस प्रकरण का चौथा आरोपी फरार चल रहा है।
शासकीय अधिवक्ता एडीजीसी फौजीदारी जया ठाकुर ने बताया कि फादर एलबन मेन्डोका द्वारा सहसपुर थाना में लिखित सूचना दी कि हमारी काथलिक धर्म समाज (द कैथोलिक डाइसस ऑफ मेरठ ) का एक आश्रम छोटा रामपुर कस्बे सहसपुर के पास है। वहां पर आश्रम के प्रभारी साधू अस्थेय (फादर सामुएल फ्रांसिस) करीब 18 से 19 सालों से निवास करते हैं। आज हमें सूचना मिली कि स्वामी अस्थेय दो दिन से दिखाई नहीं दे रहे हैं। मौके पर पहुंचने पर देखा कि स्वामी की अज्ञात लोगों द्वारा हत्या कर दी गई है तथा वहां पर कुछ समय से प्रार्थना एवं उपचार के लिए साधना के लिए आयी मर्सी नाम की महिला की भी अज्ञात लोगों द्वारा हत्या कर दी गई है। कोर्ट ने फ्रांसिस उर्फ जुगल किशोर पुत्र करम सिंह उर्फ करन सिंह निवासी मकान नंबर 88/2 फेज दो श्रद्धापुरी थाना कंकरखेडा मेरठ, अरुण वाल्मिकी पुत्र काली चरण निवासी सरकडी थाना डिडौली निवासी जेपी नगर उत्तर प्रदेश, विपिन पंवार उर्फ बबलू पुत्र प्रीतम सिंह निवासी ईस्ट 426 दक्षिणपुरी सैक्टर नई दिल्ली को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन जया ठाकुर ने 12 गवाहों को कोर्ट में पेश किया।