देहरादून

अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है कैंट बोर्ड, आवारा पशुओं के मामले का नहीं हो सका समाधान

देहरादून। कैंट बोर्ड देहरादून के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। पिछले एक साल से आवारा व लावारिस पशुओं को रखने की व्यवस्था की मांग हो रही है। बावजूद कैंट बोर्ड द्वारा कोई समाधान नहीं निकाला गया। इधर, आये दिन इन पशुओं की वजह से हादसे हो रहे हैं। जिसमें ये पशु घायल भी हो रहे हैं।
कुछ माह पहले प्रेमनगर के लोग इस मांग को लेकर कैंट कार्यायल में प्रदर्शन और हंगामा किया था। जिसके बाद कैंट बोर्ड के सीईओ अभिनव सिंह ने इन लोगों को आश्वासन दिया था कि एक सप्ताह के भीतर इसका कोई न कोई समाधान निकाला जाएगा। लेकिन आजतक ऐसा नहीं हो सका। जिसके चलते क्षेत्रवासियों में भारी रोष है। इन लोगों का कहना है कि कैंट क्षेत्र में घूम रहे लावारिस पशुओं की व्यवस्था की जिम्मेदारी कैंट बोर्ड के अधिकारियों की है। जैसे नगर निगम अपने क्षेत्र में इन पशुओं के लिए व्यवस्थाएं बनाई है ठीक उसी प्रकार इन अधिकारियों को भी करना चाहिए। लेकिन ये लोग अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।
आये दिए चोटिल हो रहे हैं पशु
क्षेत्र में घूम रहे लावारिस पशु आए दिन चोटिल हो रहे हैं। कभी सड़क दुर्घटना की वजह से तो कभी नाले खाले में गिरने की वजह से। प्रेमनगर के पशु प्रेमी अधिवक्ता कुनाल ग्रोवर के नेतृत्व में कुछ युवा इन घायल पशुओं का उपचार निशुल्क कर रहे हैं। स्थानीय लोगों की सहयोग से वह तत्काल घायल पशुओं का मरहम पट्टी कर देते हैं। वरना ये चोटिल पशु ऐसे ही कहीं न कहीं पड़े रहते हैं।
तारबाड़ लगाने की चल रही है तैयारी
प्रेमनगर में दो दिन पहले एक पशु सड़क गिराने काफी ऊंचे पुस्ता से नीचे गिर गया। आनन-फानन में इन युवा टीम ने उसकी मदद करते हुए उपचार किया। इसके बाद जनप्रतिनिधियों को इसके बारे में अवगत कराया गया। दुकानदारों से तारबाड़ लगाने की अपील की गई। ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न घटे। जब किसी जनप्रतिनिधि ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई तो इन युवाओं ने स्थानीय लोगों के सहयोग से तारबाड़ लगाने का निर्णय लिया है। वहीं लोगों ने ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनाव में वोट के बदौलत सबक सिखाने की बात कही है।

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