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पश्चिम बंगाल, पंजाब और कश्मीर होते पाकिस्तान के कब्‍जे में

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आलोचना करने वाले विपक्ष को निशाने पर लेते हुए शुक्रवार को कहा कि संघ दुनिया का एकमात्र ऐसा संगठन है जो सरकार से सहायता नहीं लेता, फिर भी विपक्ष हर बात में आरएसएस का नाम ले लेता है।

सीएम योगी ने विधानसभा में राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के जवाब में कहा, ‘अगर आरएसएस और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (भारतीय जनसंघ के संस्थापक) न होते तो पश्चिम बंगाल, पंजाब और कश्मीर … पाकिस्तान के कब्‍जे में होते।’

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे संगठनों पर चर्चा करना गलत है, जिनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। आरएसएस ही एकमात्र ऐसा संगठन है, जो सरकार से कोई मदद नहीं लेता है।

उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग राष्ट्रीय गीत को सांप्रदायिकता से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। अगर आरएसएस नहीं होता तो लोग स्कूलों में वंदे मातरम गीत को भूल गए होते। उन्होंने कहा कि आरएसएस द्वारा 64,000 शैक्षणिक संस्थान चलाए जा रहे हैं।

गंगा और यमुना में जल स्तर कम होने पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘गंगा और यमुना हमारी पहचान हैं और यदि यह खत्म हो गयी तो, देश और इसकी संस्कृति समाप्त हो जाएगी।’

सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानभवन में सदन की कार्यवाही के दौरान सीटी बजाने के साथ ही राज्यपाल पर कागज के गोले बनाकर फेंकने की घटना की निंदा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में खराब कानून-व्यवस्था पर अपना जवाब दिया।

सीएम योगी ने सदन में विपक्ष के तमाम आरोपों का जवाब देते हुए राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण के दौरान हुई घटना पर कड़ी आपत्ति दर्ज करायी। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण प्रदेश की सरकार का विजन डॉक्यूमेंट होता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह अलग बात है कि विपक्ष ने इसमें रूचि नहीं ली।

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