उत्तराखण्ड

कंधे पर उठाया भाई का शव तो भगवान बनकर आए किन्नर, जानिए ऐसा क्या हुआ

देहरादून। जन केसरी
बिजनौर जिले के धामपुर में फलों की ठेली लगाकर परिवार पालने वाला पंकज, टीबी से पीड़ित अपने छोटे भाई सोनू को दून अस्पताल के इमरजेंसी में लेकर पहुंचा। जहां डॉ रामेश्वर पांडेय ने चेकअप किया और जरूरी जांचें निशुक्ल कराने को लिखा। लेकिन उत्तराखंड का निवासी नहीं होने के कारण सोनू की जांचे निशुक्ल नहीं हुई। पंकज के पास सिर्फ पांच सौ रूपये थे। ऐसे में ये सभी जांचें संभव नहीं था। जिसके बाद वे अपने भाई को वापस बिजनौर ले जाने की तैयारी में थे। इतने में भाई सोनू की मृत्यु हो गई। पांच सौ रूपये में कोई भी एंबुलेंस वाला बिजनौर जाने को तैयार नहीं था। वे गिड़गिड़ाते रहे। लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। अंत में वे भाई सोनू का शव अपने कंधे पर उठाया और लेकर चल दिए। इतने में कुछ किन्नर इलाज के लिए दून अस्पताल को जा रहे थे। जिनकी नजर उस सख्त पर पड़ी जो अपने भाई का शव कंधे पर उठाकर ले जा रहा था। किन्नरों ने उसे तुरंत रोकते हुए कारण पूछा। उनको जैसे ही पता चला कि पंकज के पास एंबुलेंस से शव को ले जाने के लिए पैसा नहीं है। किन्नरों ने तत्काल दो हजार रूपये सहित कुछ अन्य लोगों से मदद लेकर एंबुलेंस बुक कराकर शव को बिजनौर भेजा। किन्नरों द्वारा उठाये इस पहल के बाद पंकज के आंखों में आंसू आ गया।

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