आरटीआई का जबाव देखकर आप भी कहेंगे कैंट बोर्ड के इस अधिकारी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होनी चाहिए
देहरादून। आरटीआई का जबाव तो आपने बहुत पढ़ा और देखा होगा। लेकिन जिसके बारे में मैं अवगत कराने जा रहा हूं ये पढ़ने के बाद आप भी शायद यही कहेंगे इस बंदे का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज होनी चाहिए। क्योंकि इस साहब ने आरटीआई का जबाव ना तो गोल मोल दिया और ना ही सही जानकरी दी। इन्होंने एक ही शब्द में छह सवालों का जबाद दे डाला। ऐसे में चाहें तो आप इनको सम्मानित भी कर सकते हैं।
छावनी परिषद गढ़ी देहरादून में तैनात केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी नरेंद्र कुमार (सफाई अधीक्षक ) की बात की जा रही है। सूचना का अधिकार के तहत इनसें कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी। सम्बन्धित सूचना राष्ट्र हित में आवश्यक है, जो कि भ्रष्टाचार को उजागर करने के संदर्भ में है। लेकिन इन्होंने जो जबाव दिया है वे हैरान करने वाली है। प्रथम अपील की प्रक्रिया भी की जा रही है। लेकिन इस तरह से किसी को अगर कोई अधिकारी व कर्मचारी गुमराह करे तो उसकी सच्चाई भी सभी के सामने आनी चाहिए। सवाल ये भी उठता है कि ये लोक सूचना अधिकारी ही हैं या केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी।यहां के अधिकारी व कर्मचारी कितना काबिल हैं इससे पता चलता है। रक्षा संपदा अधिकारी को भी सूचना के जबाव की प्रतिलिपि भेजी गई है। ताकि वे भी अपने अधिकाररी व कर्मचारियों पर गर्व करें।
सूचना देने में करते हैं आनाकानी
कैंट बोर्ड प्रशासन किसी से शायद डरता ही नहीं है। यहां खुलेआम भ्रष्टाचार किए जाते हैं। शिकायत को अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते हैं। हैरानी की बात ये है कि लोगों द्वारा मांगी गई आरटीआई का जबाव तक नहीं दिया जाता है। यहां के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की छवि इतनी साफ सुथरा है कि हमेशा ही सीबीआई की नजर कैंट बोर्ड पर रहती है। कई बार सीबीआई ने यहां छापेमारी भी कर चुकी है।
सर,मेरी केई RTI का जबाव नही दिया गया,श्रीमान CIC दिल्ली के अंदेशा के बाद भी CEO छावनीपरिषद देहरादून आज तक जबाव नही दिया गया है,ओर गुमराह व गलत जानकारी दी गई। अत आप से अनुरोध है कि संज्ञान लेकर उचित जांच व कार्यवाई करे।
राज कुमार वार्ड नंबर 04,पुरानपोस्टऑफिस छावनीपरिषद प्रेमनगर देहरादून फोन नंबर 9456332636,
सर सूचना मांगने पर गुमराह व गलत जानकारीदी गई,