संत निरंकारी सत्संग भवन में मिली शवों का खुलासा, पुलिस नहीं गुरू के डर से उगला सच
देहरादून। (जन केसरी)
14 दिसंबर को हरिद्वार बाईपास स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन परिसर में हुई सेवादार और चौकीदार की मौत का खुलासा पुलिस ने कर दिया। पुलिस ने दावा किया है कि इन दोनों की मौत महज हादसा था। पुलिस ने दोनों की मौत की गुत्थी सुलझाते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
एसपी सिटी प्रदीप राय ने सोमवार को खुलासा करते हुए बताया कि डंपर चालक देवेंद्र प्रसाद डंपर बैक करते हुए चौकीदार कमलराम को देख नहीं पाया और वह डंपर बैक करते समय अगले टायर के नीचे आ गया। इसके बाद जब सेवादार सोनू सिंह डंपर चालक को रोकने लगा तो चालक ने तेजी से डंपर भगाने की कोशिश की। जिसकी वजह से सोने भी डंपर के पिछले टायर के नीचे आ गया और बेहोश होने कारण रात में ठंड से उसकी मौत हो गई। बता दें कि परिसर में चौकीदार कमलराम पुत्र गबरू निवासी गौरती तहसील जखोली रुद्रप्रयाग और सोनू सिंह पुत्र जसवीर सिंह निवासी सेवला कलां का शव मिला था।पुलिस के नहीं गुरु के डर से उगला सच
आरोपी डंपर चालक देवेंद्र पर शक होने के बाद भी पुलिस उससे सच नहीं उगला पा रही थी। तीन दिन पूछताछ के बाद उसने सच उगला, पर पुलिस के डर से नहीं, बल्कि गुरु के डर से। बताया जा रहा है कि आरोपी की पत्नी भी निरंकारी है और वह भी निरंकारी गुरु को मानता है। लिहाजा पुलिस ने उसके साथ सख्ती के बजाय भावात्मक रूप से पेश आई। इसी दौरान जब उससे यह पूछा गया कि वह सबसे अधिक विश्वास किस पर करता है तो उसने गुरु का नाम लिया। जब उसे गुरु की कसम दिलाई गई तो उसने कहा कि वह गुरु की झूठी कसम नहीं खा सकता। उसने पूरा सच पुलिस के सामने उगल दिया।