दवा फैक्ट्री में मिली अनियमितताएं, ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बंद कराई प्रोडक्शन
फैक्ट्री संचालक ने टीम के समक्ष नहीं दिया संतोषजनक जवाब
रुड़की। ड्रग विभाग ने लिब्बरहेडी स्थित एक दवा फैक्ट्री का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान फैक्ट्री में कई तरह की अनियमितताएं मिली। विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रोडक्शन बंद करा दी। मिली खामियों को जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इसके बाद ही अब प्रोडक्शन दोबारा से शुरू करने की अनुमति मिलेगी।
मंगलवार को ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती और एडीसी हेड क्वार्टर डॉ. सुधीर कुमार के नेतृत्व में टीम ने लिब्बरहेडी में मेरठ रोड स्थित एक फॉर्मा कंपनी का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान यहां पानी का सिस्टम ठीक नहीं मिला। इसके अलावा प्रोपर गाउनिंग का सिस्टम सही नहीं पाया गया। लैब भी ठीक नहीं मिला। तकनीक स्टॉफ भी प्रोपर तरह से मौके पर नहीं थे। नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। इन तमाम खामियों को देखते हुए टीम ने तत्काल दवा की प्रोडक्शन बंद करा दी। ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि फॉर्मा कंपनी संचालक को सुधार के सख्त निर्देश दिए गए हैं। वरना लाइसेंस कैंसिल किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जबतक फॉर्मा कंपनी द्वारा सुधार नहीं किया जाएगा तबतक उसका लाइसेंस जब्त व सस्पेंड रहेगा।
जांच के लिए सैंपल भी किए एकत्रित
ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि औचक निरीक्षण के दौरान चार दवाईयों का सैंपल भी लिया गया है। जो कि लैब भेजा जाएगा। लैब रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस फॉर्मा में तमाम तरह के जीवन रक्षक दवाईयां व सिरप बनाई जाती हैं। कंपनी संचालक को किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
सेंटर टीम के साथ लगातार किया जा रहा निरीक्षण
ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि सेंटर टीम के साथ लगातार फॉर्मा कंपनियों का निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान खामियां मिलने पर मौके पर ही कार्रवाई भी की जा रही है। ताकि ये कंपनियां किसी भी तरह का भविष्य में लापरवाही ना करें। उन्होंने बताया कि औचक निरीक्षण का एक ही उद्देश्य है नियमानुसार पूर्ण मानक को पूरा करते हुए दवाई का प्रोडक्शन किया जाए।
टीम के सामने दवा कंपनियों ने रखी अपनी बात
औचक निरीक्षण के दौरान अन्य कई फॉर्मा कंपनी के संचालक भी मौके पर पहुंच गए थे। उन्होंने टीम के समक्ष अपनी समस्या को भी प्रमुखता से रखा। उन्होंने कहा कि जो टेंडर कंपनियों के होते हैं वह बहुत ही कम रेट पर होते हैं। ऐसे में कंपनियों को काफी नुकसान होता है। सरकार को भी सप्लायर के रेट बढाने चाहिए। ताकि वह बेहतर से बेहतर रिजल्ट दे सकें।