देहरादून : वर्त्तमान में शिक्षा सत्र की गड़बड़ी देखते हुए उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार उच्च शिक्षा में सेमेस्टर प्रणाली समाप्त करने की दिशा में अध्ययन कर रही है। इस प्रणाली से छात्र-छात्रओं के समय व धन की बर्बादी हो रही है।
मध्य प्रदेश सरकार ने सेमेस्टर व्यवस्था खत्म कर दी है। नए सत्र से राज्य में भी पूर्व की व्यवस्था लागू कर ली जाएगी। कहा कि बीएड कॉलेजो में फीस में एकरूपता लाने का प्रयास किया जाएगा। छात्र -छात्रओं से साल में चार किस्तों में फीस जमा कराई जाएगी और एक निर्धन छात्र को प्रत्येक विद्यालय निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था करेगा।
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सोमवार को सर्किट हाउस में निजी बीएड कॉलेज संचालकों के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि छात्र-छात्रएं एक साथ एक ही वर्ष में दो-दो जगह प्रवेश ले लेते हैं। इसको भी सख्ती से समाप्त करने पर विचार किया जा रहा है।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति के मेधावी छात्रों की कोचिंग के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पहली बार बजट मे 80 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश के सभी कॉलेजों में सभी वर्ग के लगभग 100 छात्रों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी। डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश में 172 निजी बीएड कॉलेज संचालित हैं। संचालकों को प्रतिदिन कॉलेज में राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत के आयोजन के साथ ही डिजिटल पुस्तकालय एवं आधुनिकतम शौचालयों की स्थापना करनी होगी।
बैठक में डॉ. धन सिंह ने स्पष्ट किया कि सभी कॉलेजों में पारदर्शिता के लिहाज से ऑनलाइन काउंसलिंग होगी। छात्र-छात्रओं को उनकी पसंद के हिसाब से ही कॉलेज आवंटित होगा। इन कॉलेजों की समस्याओं के निस्तारण व शिकायतों के लिए भी एक कमेटी बना दी गई है।
फाइल रुकी तो कटेगा वेतन
बीएड कॉलेजों की मान्यता एक वर्ष से तीन वर्ष के लिए किए जाने की मांग पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने संचालकों को आश्वस्त किया। साथ ही मान्यता या अन्य मामलों से संबंधित फाइलें भी अब सचिवालय स्तर पर नहीं रुकेंगी। यदि सचिवालय के किसी भी अधिकारी द्वारा फाइल एक माह से अधिक समय तक अनावश्यक रूप से रोकी गई तो संबंधित का एक माह का वेतन काटा जाएगा।