18 किमी पैदल यात्रा कर केदारनाथ पहुंचे पूर्व CM हरीश रावत
पूर्व सीएम हरीश रावत 18 किमी की पैदल यात्रा कर केदारनाथ धाम पहुंच गए हैं। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने एक जनसभा की, जिसमें केदारनाथ में हुए कार्यों पर सवाल उठाते हुए इसे धार्मिक परम्पराओं के खिलाफ बताया। उन्होंने केदारनाथ में मंदिर परिसर को हद से भी ज्यादा बड़ा करने पर भी आपत्ति जताई। कहा कि इससे केदारनाथ मंदिर भी भब्यता खत्म हो गई है। मंदिर काफी छोटा दिख रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केदारनाथ में हो रहे कार्यों को धार्मिक परंपराओं के खिलाफ बताया। उन्होंने मंदिर परिसर को विकसित किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे धाम की भव्यता खत्म हो गई है।
उन्होंने पैदल मार्ग पर भी जरूरी सुविधाओं के नहीं होने पर रोष जताया। मंदिर परिसर में जनसभा में पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार तीर्थपुरोहितों से उनका रोजगार छीन रही है। मंदिर मार्ग और परिसर के विस्तार को लेकर विशेषज्ञों से राय लेनी चाहिए थी। मंदिर मार्ग को 50 फीट के बजाय 70 फीट चौड़ा किया गया है, जिससे मंदिर की भव्यता खत्म हो गई है। 30 फीट चौड़ाई में ही मंदिर की भव्यता नजर आ सकती थी।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहुंचे केदारनाथ धाम
हरीश रावत ने कहा कि लिंचौली से केदारनाथ तक रोपवे का निर्माण भी सरकार नहीं कर रही है। जबकि अब तक कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए थी। रास्ते में रेन सेल्टर नहीं हैं। यात्री बारिश में भीग रहे हैं। शौचालयों की कमी के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह सुनने को मिल रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 के लोकसभा चुनाव की शुरूआत यहीं से करना चाहते हैं इसलिए भी जल्दबाजी में केदारधाम में कार्य किए गए। उन्होंने कहा कि तीर्थपुरोहितों एवं केदारपुरी के लोगों की अनेक समस्याओं पर कांग्रेस मिलकर आंदोलन करेगी।
कहा कि वह एक बड़े आंदोलन की शुरूआत करेंगे जिसके चलते केंद्र और राज्य सरकार पर हमला किया जाएगा। इस मौके पर राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा, केदारनाथ विधायक मनोज रावत, पृथ्वीपाल सिंह चौहान आदि मौजूद थे।