बिहार

या अल्लाह! अतीक, अशरफ और असद अहमद की शहादत को कबूल फरमा…पटना जंक्शन के बाहर खुलेआम नारेबाजी

पटना। पटना जंक्शन स्थित जामा मस्जिद के बाहर अलविदा जुमे की नमाज पढ़कर उठे लोगों के एक समूह के नेता ने कहा कि आज हमने आखिरी जुमे की नमाज अदा की और दुआ की कि या अल्लाह! अतीक, अशरफ और असद अहमद की शहादत को कबूल फरमा। इसके बाद वह नारेबाजी करने लगे। शहीद अतीक अहमद अमर रहे की नारेबाजी के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी लोगों ने नारेबाजी की। वही इस मामले को लेकर रईस गजनवी के भाई मो. शाहनवाज ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि रईस की मानसिक स्थिति खराब है। रईस से उनका कई सालों कोई वास्ता नहीं है।

पूरी तरह से प्लान बनाकर मारा गया
इस नेता की पहचान रईस गजनवी के रूप में हुई है। दरअसल अलविदा नमाज के बाद वह बाहर आए थे। मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए उन्होंन कहा कि हमने दुआ किया कि या अल्लाह कि अतीक, अशरफ और असद अहमद की शहादत को कबूल फरमा। उन्हें मारा गया। पूरी तरह से प्लान बनाकर मारा गया। रईस गजनवी ने आरोप लगाया कि योगी सरकार ने उनको मरवाया। इसमें सरकार और पुलिस का हाथ है। वह शहीद हुआ है। रमजान के समय उसे अपराधियों द्वारा मरवाया गया। पूरे दुनिया के मुसलमानों की नजर में वह शहीद हो गया। अगर उसने गलत काम किया तो उसके लिए कोर्ट है। कोर्ट भी जिम्मेवार है। कोर्ट ने रिमांड दिया था। पुलिस लिखकर सुरक्षा की जिम्मेदारी ली थी। उन्हें सजा होती, फांसी पर चढ़ा दिया जाता हमलोग कुछ नहीं बोलते लेकिन उन्हें अपराधियों द्वारा मरवा दिया गया।

वहीं इस मामले को लेकर जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष फैसल इमाम ने किसी भी पागल व्यक्ति द्वारा किसी तरह का बयान देने से हमलोग इत्तेफाक नहीं रखते हैं। ऐसे बयानों का मुस्लिम भाइयों बिल्कुल समर्थन नहीं करते। ऐसे बयान देने वाले लोगों को अल्लाह सद्बुद्धि दें। वहीं

प्रयागराज में हुई थी हत्या, इसे बाद विपक्ष ने योगी सरकार पर साधा था निशाना
बता दें कि 15 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार की देर रात माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई थी। अतीक और अशरफ को उस वक्त गोली मारी गई जब वो दोनों मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया गए थे। तीन हमलावरों ने दनादन गोलियां बरसाईं। अतीक को आठ गोलियां और अशरफ को छह गोलियां मारी गई थीं। तीन गोलियां अशरफ के शरीर में फंसी रह गईं। इसके बाद इस घटना की काफी चर्चा होने लगी। इस पर राजनीति भी खूब हुई। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश सिंंह ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गई है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। वहीं असदुद्दीन ओवैसी दोनों की हत्या योगी के कानून व्यवस्था की नाकामी है। एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के जिम्मेदार हैं। जिस समाज में हत्यारे हीरो होते हैं, उस समाज में कोर्ट और इंसाफ के सिस्टम का क्या काम? वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने योगी सरकार से सवाल पूछा था कि अपराधियों के सफाया का क्या मतलब है। उनको मार दीजिएगा ? यह कोई तरीका है। इसका मतलब जो जेल जाएगा तो उसे मार दीजिएगा? ऐसा कोई नियम है। यह तो कोर्ट न तय करती है कि उसे क्या सजा देनी है। वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि इस देश में प्रधानमंत्री के हत्यारों पर ट्रायल चला। हत्यारों को सजा भी मिली लेकिन यूपी में जो हुआ, यह  अतीक जी का जनाजा नहीं बल्कि कानून का जनाजा निकला है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button