बिहार

कई बार चेन से बांधकर भी थाने में नहीं रोक पाई पुलिस….जानिए इस बुलेट की कहानी….

राजस्थान। (जन केसरी)

आपको भले ही यह पढ़कर या सुनकर अजीब सा लग रहा होगा कि पुलिस ने एक बुलेट को कई दफा थाने परिसर में चेन से बांधकर रखा। बावजूद पुलिस उस बुलेट को बाहर जाने से नहीं रोक सकी। इस बुलिट की कहानी आईए जानते हैं।
ओम बन्ना एक पवित्र दर्शनीय स्थल है जो पाली जिले में स्थित है। ये पाली राजस्थान शहर से मात्र बीस किमी दूर है। यहाँ लोग सफल यात्रा और मनोकामना मांगने दूर-दूर से आते हैं। राजस्थान में इस मंदिर को बुलेट मंदिर के नाम स जाना जाता है, जो कि पूरी दुनिया का अनोखा और एक मात्र बुलेट मंदिर है।
बताते हैं कि सन 1988 में ओम बन्ना अपनी बुलेट पर अपने ससुराल बगड़ी,साण्डेराव से अपने गाँव चोटिला आ रहे थे। तभी उनका एक्सीडेंट एक पेड़ से टकराने से हो गया। ओम सिंह राठौड़ की उसी वक़्त मृत्यु हो गयी। एक्सीडेंट के बाद उनकी बुलेट को रोहिट थाने ले जाया गया, पर अगले दिन पुलिस कर्मियों को वो बुलेट थाने में नहीं मिली। वो बुलेट बिना सवारी चलकर उसी स्थान पर चली गयी। अगले दिन फिर उनकी बुलेट को रोहिट थाने ले जाया गया पर, फिर वही बात हुयी। ऐसा तीन बार हुआ। चौथी बार पुलिस ने बुलेट को थाने में चैन से बाँध कर रखा पर बुलेट सबके सामने चालू होकर पुनः अपने मालिक सवार के दुर्घटना स्थल पर पहुंच गयी। ऐसे में ग्रामीणो और पुलिस वालो ने चमत्कार मान कर उस बुलेट को वही पर रख दिया। उस दिन से आज तक वहाँ दूसरी कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुयी। जबकि पहले ये एरिया राजस्थान के बड़े दुर्घटना क्षेत्रों में से एक था। पाली जोधपुर राष्ट्रीय राज मार्ग पर ये स्थान है। यहाँ आज भी वही बुलेट मौजूद है और ओम बन्ना का चबूतरा भी है। जहां उनका एक्सीडेंट हुआ था यहाँ दिन रात जोत जलती रहती है और ग्रामीण यहाँ नारियल ,फूल,दारू आधी चढ़ावा चढ़ाते हैं, दूर दूर से श्रद्धालु यहाँ आते हैं।

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