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जो काम कैंट बोर्ड ने किया वह नगर निगम व एमडीडीए क्यों नहीं करता

देहरादून। जन केसरी
लंढौर कैंट एवं गढी कैंट बोर्ड के सीईओ जाकिर हुसैन ने जो जोश और जज्बा दिखाया, वह नगर निगम और एमडीडीए क्यों नहीं दिखा पाते हैं। सीईओ ने इच्छाशक्ति दिखाई और अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ी कार्यवाई की। देश के टॉप बिजनेस बिरादरी पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के करीबी दोस्त संयज नारंग के आशियाना डहेलिया बैंक एवं राजवीर हांडा के होली माउंट को जिस सख्ती से जमींदोज किए हैं, उससे यह संदेश गया है कि एमडीडीए और नगर निगम चाहें तो रखूखदारों पर नकेल कस कसता है। लेकिन ऐसा देखने और सुनने को मिलता नहीं है। वजह सबको पता है। कहीं दबाव तो कहीं वोट बैंक।
एमडीडीए और नगर निगम अवैध निर्माण तोड़ने में फिसड्डी साबित हुए हैं। यह दोनों विभाग अपने दायरे से फुटपाथ पर किए कब्जा तक नहीं हटा पाते हैं। इससे एमडीडीए और निगम के अफसरों पर सवाल उठने लगे हैं कि जो काम कैंट बोर्ड कर सकता है वह ये लोग क्यों नहीं करते। विनोद चमोली नगर निगम में लगातार करीब दस साल से मेयर के पद पर हैं। लेकिन इन्होंने ने भी अवैध निर्माण तोड़ने में इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। जाकिर हुसैन ने कहा कि वह अवैध निर्माण करने वाले के सख्त खिलाफ हैं। कोई भी हो गलत काम करेगा तो कार्यवाही होगी।
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मसूरी में निर्माण कार्य पर रोक है। शहर में ऐसा नहीं है। वहां बड़े लोगों ने अवैध निर्माण किया हैं। यहां ऐसा नहीं है। शिकायत आने पर कार्यवाही हमेशा की जाती है। विनोद चमोली, मेयर नगर निगम देहरादून
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कैंट बोर्ड कभी कभार अभियान चलाता है तो ऐसा लग रहा है कि उसने बड़ा काम किया है। अवैध निर्माण के खिलाफ एमडीडीए रोजाना अभियाना चलाता है, इसलिए किसी को पता नहीं चलता। पीसी दुमका, सचिव एमडीडी

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