बिहार

सख्ती के बाद लक्सर रोड पर जमीनों के दामों में गिरावट, ये रही वजह

कोर्ट और एचआरडीए की सख्ती का भूमाफियों में दिख रहा है असर

रुड़की। हाईकोर्ट और एचआरडीए की सख्ती का हरिद्वार जिले के खासकर लक्सर रोड पर असर दिखने लगा है। यहां जमीनों के दामों में गिरावट आने लगी है। भूमाफियां भी अब यहां प्लॉट काटने से बच रहे हैं। वहीं, दिल्ली, हरियाणा, यूपी समेत अन्य बाहरी राज्यों के लोग जमीन बेचकर वापस कहीं और जमीन की खरीद फरोख्त करने में जुट गए हैं।
हाईकोर्ट ने बिना भूमि उपयोग परिवर्तन किए निर्माण को चुनौती देती जनहित याचिका पर हाल ही में सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार से कृषि भूमि पर निर्माण पर रोक के संबंध में कानून का अनुपालन सुनिश्चित कराने के आदेश दिए थे। हरिद्वार निवासी अतुल चौहान की जनहित याचिका पर सुनवाई की थी। जिसमें ये बताया गया था कि यहां किसानों की कृषि भूमि को सस्ती दरों पर खरीदकर भूमि परिवर्तन के बिना कॉमर्शियल में इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसके बाद एचआरडीए द्वारा यहां सख्ती की गई। एचआरडीए के क्षेत्रीय अधिकारी डीएस रावत ने बताया कि अभीतक एक दर्जन से अधिक अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा चुका है। शिकायत मिलने के आधार पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इधर, इस मामले में दो जनवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई भी है।
———-
इन गांवों में ज्यादा की जा रही थी खरीद फरोख्त
बाहरी लोगों के साथ ही भूमाफियों द्वारा किसानों की जमीनों को औने पौने दरों पर खरीदकर लगातार अवैध प्लॉटिंग की जा रही थी। गांव मिश्ररपुर, पंजनहेडी, अजीतपुर, जिया पोता, कटारपुर, फेरुपुर, धनपुर आदि ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की जमीन पर भूमाफियों की नजर थी। हालांकि अब ये भूमाफियां भी यहां प्लॉटिंग करने से डर रहे हैं।
——–
केस-1
इसी साल जनवरी में एक प्रोपर्टी डीलर की मदद से 32 लाख रुपये का इनवेस्ट करते हुए जमीन खरीदी थी। लेकिन अब कृषि भूमि कॉमर्शियल में परिवर्तित नहीं हो रही है। जिसके चलते निर्माण ठप है। ऐसे में फिर से वापस प्रोपर्टी डीलर को ही जमीन बेच दिया। हरेंद्र पाल सिंह, मयूर विहार नई दिल्ली
———-
केस-2
प्रोपर्टी डीलर की मदद से एक छोटा सा टुकड़ा करीब 13 लाख रुपये में खरीदा था। कृषि भूमि की वजह से नक्शा पास नहीं हुआ। बिना नक्शा पास कराए निर्माण कार्य शुरू कराया तो एचआरडीए ने उसे तोड़ दिया। गांव के ही एक किसान को वापस जमीन बेच दिया। मोहम्मद नूर आलम, मेरठ

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button