हम तो सोनिया गांधी से भी सहमत नहीं, राजीव के हत्यारों की रिहाई पर भड़की कांग्रेस
उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय मसला था। कोई स्थानीय स्तर पर हुई हत्या नहीं थी। तमिलनाडु के श्रीपेरुमबुदुर में एक आत्मघाती हमलवार ने 21 मई, 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। वह श्रीलंका में सक्रिय उग्रवादी संगठन लिट्टे से जुड़ी हुई थी। इस मामले में 7 लोगों को मौत की सजा सुनवाई गई थी। लेकिन सन् 2000 में नलिनी श्रीहरण की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया था। सोनिया गांधी के दखल पर यह फैसला लिया गया था। इसके बाद 2008 में प्रियंका गांधी ने पिता की हत्यारिन नलिनी से तमिलनाडु के वेल्लोर में स्थित जेल में मुलाकात की थी।
सोनिया गांधी ने की थी नरमी बरतने की अपील
इसके बाद 2014 में 6 अन्य हत्यारों की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। इसी साल तत्कालीन सीएम जे. जयललिता ने इन लोगों को रिहा कराने की कोशिशें शुरू कर दी थीं। इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने एजी पेरारिवेलन को रिहा कर दिया था। इसके बाद नलिनी ने अपनी और अन्य हत्यारों की रिहाई के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था। खुद सोनिया गांधी ने अदालत से नलिनी के प्रति नरमी बरतने की अपील की थी। नलिनी को जब गिरफ्तार किया गया था, तब वह प्रेग्नेंट थी। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सोनिया गांधी ने कई साल पहले यह बयान दिया था।