उत्तर प्रदेश

बेटे ने कराई रिटायर्ड टीचर की हत्‍या, भिखारी ने खोला राज

बदायूं में रिटायर्ड शिक्षक सत्‍यपाल सिंह (उम्र 65 वर्ष) की हत्‍या की गुत्‍थी एक भिखारी ने सुलझा दी। इस भिखारी ने पुलिस तक खबर पहुंचा दी थी कि कत्‍ल उसके सामने हुआ था। भिखारी के चश्‍मदीद बन जाने का संयोग इसलिए बना क्‍योंकि कातिलों में से एक ने उसे अपनी बाइक पर लिफ्ट दी थी। भिखारी से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और यह भी किया कि रिटायर्ड शिक्षक की हत्‍या उनके अपने बेटे और बहू ने भाड़े के हत्‍यारों से कराई थी।

दरअसल, सत्‍यपाल सिंह पिछले कुछ समय से अपने इस बेटे से नाराज चल रहे थे और पिछले दिनों उन्‍होंने सारी सम्‍पत्ति बड़े बेटे हरीश प्रताप सिंह के नाम कर देने की धमकी दी थी। यह बात छोटे बेटे विपिन प्रताप सिंह और उसकी पत्‍नी पूजा को बेहद नागवार लगी। पूजा ने संपत्ति से बेदखल होने की बात पर पहले अपने भाई को बताई। भाई ने समझाया कि गुस्से में कह दिया होगा। इसके बाद भी पूजा शांत नहीं मानी। उसने फुफेरे भाई राहुल पुत्र सतीश सिंह को जानकारी दी। जिस पर राहुल ने दो लाख रुपये में उनकी हत्या करवाने की बात कही। सौदा तय होने के बाद राहुल ने दो अपने अन्य शूटर साथियों से मिलकर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।

भि‍खारी ने पुलिस को जानकारी दी कि घटना वाले दिन वह हत्यारों की बाइक पर बैठा था। उसके सामने ही रिटायर्ड शिक्षक की हत्या की गई। एक हफ्ते पहले वजीरगंज थाना क्षेत्र के अमरोली गांव निवासी रिटायर्ड शिक्षक की हत्या करने के लिए सफेद बाइक अपाचे से दो शूटर गांव पहुंच गये थे। पहले तो गांव की गलियों में चक्कर लगाते देखे गये। उसके बाद जब सत्यपाल सिंह के घर से निकलने पर फोन पूजा ने किया तो शूटर गांव से बाइक लेकर निकल पड़े। गांव से निकलते ही गांव से भीख मांगकर जा रहे भिखारी ने बाइक आते देख हाथ देकर बाइक को रोक लिया तो एक शूटर ने कहा बैठा लो। इस पर उसके साथी ने भिखारी को बाइक पर बैठा लिया। बीच में बैठे भिखारी के सामने ही सत्यपाल सिंह को गोली मार दी गई।

गोली मारने के बाद शूटर भागने लगे तो भिखारी ने उनसे कहा कि यह क्या कर दिया। इस पर शूटरों ने तमंचा उसकी कनपटी पर रखकर कहा बैठे रहो। अगर मुंह खोला तो इसी तरह से उसे भी भिखारीपन से मुक्ति दिला देंगे। शूटरों ने भिखारी को वजीरगंज के सिद्धपीठ मंगला माता मंदिर के पास उतार दिया। वहीं राहुल जो कि पूजा का फुफेरे भाई था, उसको बाइक पर बैठाया और भाग निकले।

भिखारी बहुत देर तक मंदिर परिसर में बैठा रहा। दूसरे दिन जब खबर अखबार की सुर्खियों में आई तो भिखारी ने किसी के माध्यम से पूरी बात पुलिस को बता दी। इसके बाद पुलिस सफेद रंग की बाइक के पीछे लग गयी। गांव से लेकर वजीरगंज तक कोई ऐसा क्लू नहीं मिला जिसमें हत्यारों की पहचान हो सके।भिखारी ने अपना नाम पता गोपनीय रखने की शर्त पर पुलिस को बताया कि हत्यारे दो थे। वे मंदिर से एक अन्य को बाइक पर बैठाकर ले गए थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button