क्राइम

बेटे ने पापा के कत्ल में मां को भेजवाया आजीवन कारावास , पढ़ें पूरी खबर

देहरादून। जन केसरी
अपने प्रेमी व दोस्त के साथ मिलकर एक महिला ने अपने पति कि हत्या कर डाली। इस मामले में महिला के दोनों ही बेटों ने कोर्ट मे सच्चाई बताई तो कोर्ट ने महिला सहित अन्य दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ में तीनों आरोपियों को कोर्ट ने पचास-पचास हजार रूपये जुर्माना की सजा भी सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता जीपी रतूड़ी ने कोर्ट को बताया कि 26 मार्च 2007 में रूपराम निवासी ग्राम चिड़ियों डाकपत्थर ने विकासनगर कोतवाली में अपने पुत्र प्रदीप कुमार के अपहरण के संबंध में नामजद मुकदमा दर्ज करवाया। रूपराम ने प्रदीप की पत्नी बाला देवी तथा मोहर सिंह उर्फ मोहन सिंह  पुत्र परम सिंह  निवासी बनगांव  नैनबाग  टिहरी गढ़वाल और सिकंदर उर्फ छोटू  पुत्र हरलाल  निवासी  डील मांजरा  थाना भगवानपुर  जिला हरिद्वार  के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस को 29 मार्च 2007 को पुल नंबर एक नवाबगढ, शक्तिनगर से एक शव बरामद हुआ था।  शव को कुल्हाड़ी से काटकर  बोरों में बांधकर शक्ति नहर में फेंका गया था। शव की शिनाख्त रूपराम ने अपने बेटे प्रदीप के रूम में की। उस दौरान पुलिस ने दावा किया कि  प्रेम प्रसंग के चलते महिला ने अपने प्रेमी व दोस्त के साथ पति कि हत्या कर नहर में फेंक दिया। चार अप्रैल 2007 को पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गुरुवार को इस मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा कुल 27 गवाहों को  एडीजे पंचम न्यायालय में पेश किया गया। कोर्ट ने आजीवन कारावास और प्रत्येक अभियुक्त को पचास-पचास हजार रूपये जुर्माना की सजा सुनाई। अधिवक्ता रतूड़ी ने बताया कि कोर्ट ने  इस पूरे प्रकरण में महिला के दोनों बेटों के बयानों को अहम माना।

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