उत्तराखण्ड

भू-तकनीकी जांच में मात्रा नहीं बल्कि गुणवत्ता है महत्वपूर्ण: जोसेफ

रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की के कन्वोकेशन हॉल में भारतीय भू-तकनीकी सम्मेलन (आईजीसी ) का उद्घाटन किया गया। जो ‘सतत बुनियादी ढांचे के विकास और जोखिम न्यूनीकरण में भू-तकनीकी प्रगति’ पर चर्चा की शुरुआत का संकेत देता है। स्मारिका और सम्मेलन की गतिविधियों के साथ भारतीय मिट्टी से जुड़ी बेटियों पर एक पुस्तक का भी विमोचन भी किया गया।
गुरुवार को मुख्य अतिथि एआईसीटीई नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम और भारतीय भू-तकनीकी सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अनिल जोसेफ ने इसका उद्घाटन किया। आईआईटी रूड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत, आईआईटी रूड़की के जानपद अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर प्रवीण कुमार और सीबीआरआई के निदेशक प्रोफेसर पीके रमनचारला कार्यक्रम के संरक्षक थे। प्रारंभ में आईजीसी-23 के अध्यक्ष प्रोफेसर एन के समाधिया ने विभिन्न सत्रों एवं विषयों की जानकारी दी।
आईजीएस के राष्ट्रीय मानद सचिव डॉ. ए.पी. सिंह ने भारतीय भू-तकनीकी सोसायटी का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि “आईजीएस ने अपने गठन के 75 गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिए हैं। अपना हीरक जयंती वर्ष मना रहा है। सोसायटी का उद्देश्य शिक्षा को बढ़ावा देना और व्यावसायिक अभ्यास को सशक्त करना है।
जियोस्ट्रक्चरल (पी) लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और ओआईजीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनिल जोसेफ ने बताया कि आईजीएस के 6000 सदस्य हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, “भू-तकनीकी जांच में मात्रा महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि गुणवत्ता महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि सभी इंजीनियरिंग परियोजना रिपोर्टों पर भू-तकनीकी विशेषज्ञ द्वारा हस्ताक्षर करना अनिवार्य किया जाना चाहिए। सीबीआरआई के निदेशक प्रोफेसर पी के रमनचारला ने भी विभिन्न भू-तकनीकी परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही तीन दिवसीय सिविल इंजीनियरिंग विभाग के बाहर तीन दिवसीय तकनीकी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है।
ये हुए सम्मानित
– आईजीएस-एच सी वर्मा हीरक जयंती पुरस्कार संयुक्त रूप से शिवकुमार, वी बी माजी, पंकज कुमार और बी वी एस विश्वनाथम को दिया गया।
– मेघना शर्मा और नीलम सत्यम डी को आईजीएस-सरदार रेशम सिंह मेमोरियल पुरस्कार दिया गया।
– डॉ. नीलम सत्यम को जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग में सर्वश्रेष्ठ महिला शोधकर्ता का इनाम मिला।
– जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार- डॉ. दीपांकर चौधरी को मिला।
– आईजीएस- फोरेंसिक जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग अवार्ड पार्वती जी एस, अनिल कुमार सिन्हा, वसंत जी हवांगी और मारिया दायना को मिला।
– जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग में सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थीसिस के लिए आईजीएस-प्रोफेसर जी ए वार्षिक पुरस्कार डॉ. मीनू अब्राहम को मिला।
– नॉन-प्रीमियर इंस्टीट्यूशन से डॉ. उम्मथ यू को सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरेट थीसिस पुरस्कार मिला।
– आईजीएस-एआईएमआईएल सर्वश्रेष्ठ स्थानीय चैप्टर का पुरस्कार आईजीएस पुणे चैप्टर को मिला।
– के मुथुकुमारन को आईजीएस राष्ट्रपति पुरस्कार दिया गया।
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