उत्तराखण्ड

रोपाई से पहले महिलाओं ने पारंपरिक लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दी।

गांवों में लोकगीतों संग धान की रोपाई शुरू

गोपेश्वर: आषाढ़ का महीना प्रारंभ होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में धान की रोपाई भी शुरू हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोपाई से पहले महिलाओं ने पारंपरिक लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दी।

इन दिनों पहाड़ के गांवों में जगह-जगह धान की रोपाई चल रही है। घाट ब्लाक के सेमा गांव में भी रोपाई शुरू हुई। सेमा गांव की हेमलता, भावना देवी, बीना देवी, हरमा देवी, भगवती देवी, मीना, आरती, आयुषी सहित कई महिलाओं ने सामूहिक रोपाई में भाग लिया और पारंपरिक लोकगीत गाकर उत्साह जगाया। गौरतलब है कि प्री मानसून की झमाझम बारिश के बाद गदेरों, गूलों, नहरों से खेतों में पानी पहुंचाया जाता है। पहाड़ में खेतों तक पानी पहुंचाने के यही साधन हैं। रोपाई से पहले बैलों के गले में बंधी घंटियों की खनक, हाथों में हल लिए पुरुष यहां की विशेष रोपाई की परंपराओं को दर्शाते हैं। मिट्टी से लथपथ महिलाओं और पुरुषों ने धान की छोटी-छोटी पौध रोपने से पहले लोकगीत गाए। यह दृश्य हर किसी को अभिभूत कर रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button