पीओपी: कमांडेंट ने परखी जाबाजों की तैयारी
देहरादून। आईएमए के एतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्कवायर पर गुरुवार को शनिवार को होने जा रही पासिंग आउट परेड से पहले कमांडेंट ने जाबाजों की तैयारी को परखा। परेड में जेंटलमैन 377 भारतीय और 89 मित्र देशों के कैडेटों ने हिस्सा लिया। कैडेटों ने हिस्सा लिया। आईएमए कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने कैडेटों की सलामी ली।
उन्होंने समस्त कैडेटों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए और बिना कमजोर पड़े प्रशिक्षण को सफलता पूर्वक आगे बढ़ाने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि युवा अधिकारियों के लिए यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हमारे गौरवशाली राष्ट्र की सेवा में उनका कोई भी प्रयास बहुत छोटा नहीं होगा और कोई भी बलिदान बहुत बड़ा नहीं होगा। कमांडेंट ने अपने संबोधन में आगे कहा कि कैडेट अब देश की रक्षा करने और हमारे विरोधी को अपने जीवन और उन लोगों के जीवन की कीमत पर हराने की बड़ी जिम्मेदारी उठाएंगे। उन्होंने कहा कि सैन्य अभियानों में सभी कार्यों में शारीरिक साहस स्पष्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेतृत्व के लिए आत्म बलिदान आवश्यक है। कमांडेंट ने मित्र देशों के 89 जेंटलमैन कैडेटों को प्रशिक्षण के कठोर नियम को सहन करने, उत्कृष्ट परिवर्तन का प्रदर्शन करने और सबसे कुशल अधिकारियों के रूप में अपनी-अपनी सेनाओं में प्राप्त रैंक करने को पूरी तरह से तैयार रहने के लिए बधाई दी। मित्र देशों के सभी कैडेट आईएमए और हमारे देश में अपने प्रवास की सुखद यादों के साथ घर लौटेंगे। उन्हें जो प्रशिक्षण मिला है, उससे उन्हें अपने देश की निस्वार्थ सेवा करने में लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि साथी कैडेटों और फैकल्टी के साथ यहां बने दोस्ती के बंधन हमारे राष्ट्रों के बीच दोस्ती के बंधन को और मजबूत करेंगे। उन्होंने जेंटलमैन कैडेट्स को अंतिम पासिंग आउट परेड के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ पैर आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया और सभी जेंटलमैन कैडेट्स को शुभकामनाएं दीं।