घर में लगाए पौधे करेंगे सेहत की निगरानी
घर की सेहत उसमें रहने वालों से जुड़ी होती है। यह बात ज्यादातर लोगों को समझ में नहीं आती है। मगर सोचने वाली बात यह है कि घर की आबोहवा अगर दुरुस्त नहीं होगी तो उसमें रहने वालों की सेहत पर असर तो पड़ेगा ही। यही बात अब यूनीवर्सिटी ऑफ टेलेसी में हुए शोध में भी साबित हुई है।
इस शोध में कहा गया है कि अक्सर घर में सुंदरता के लिए लगाए जाने वाले पौधे घर की सेहत की निगरानी भी करते हैं। शोधकर्ताओं ने घर में लगाए जाने वाले पौधों को इस तरह से विकसित करने का दावा किया है कि वे सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ घर की सेहत का भी ध्यान रखेंगे। उन्होंने इसके लिए बायोटेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया। उन्होंने जेनेटिक इंजीनियरिंग की मदद से पौधों की संरचना में बदलाव करने का दावा किया है। उनके इस प्रयोग से जीवविज्ञान जगत के लोग काफी उत्साहित हैं, क्योंकि इससे सिंथेटिक बायोलॉजी का नया क्षेत्र उभरता हुआ नजर आ रहा है।
पौधों की संरचना में बदलाव करने का यह तरीका कृषि उत्पादन में बड़ा हथियार साबित हो सकता है। सिंथेटिक बायोलॉजी की मदद से किसान ऐसे पौधे लगा सकेंगे जो सूखा या खास तरह के कीट से अप्रभावित हों। खास तरह के फिल्टर से देखने पर यह पौधे अलग तरह की रोशनी में नजर आते हैं।
प्रमुख शोधकर्ता नील स्टीवर्ट का कहना है कि घर में लगाए जाने वाले पौधों को इस तरह विकसित किया जा सकता है कि वे अपने आसपास के वातावरण में मौजूद हानिकारक गैसों या जैविक चीजों के विकास की जानकारी दे सकते हैं। घर में कहीं फफूंद लग रही है या रैडन गैस बन रही है, तो उसे पहचानने में यह पौधे हमारी मदद कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सिंथेटिक बायोलॉजी की मदद से पौधों के बायोसेंसर को अपने आसपास के वातावरण में होने वाले हानिकारक बदलावों को बताने के लिए रंग बदलने जैसी तकनीक का इस्तेमाल करने के लिहाज से विकसित किया जा सकता है। यह अध्ययन जर्नल ऑफ साइंस में प्रकाशित हो चुका है।