जन्मदिन पर ही नारायण दत्त तिवारी ने ली अंतिम सांस, कुछ ऐसा रहा सफर

देहरादून। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी अब इस दुनिया में नहीं है। जितनी लंबी उनकी उम्र रही उतनी ही ऊंची शख्सियत भी थे। फर्श से लेकर अर्श तक के सफर में कामयाबी उनकी शख्सियत में चार चांद लगा दी थी। वहीं विवादों ने उनके उजले दामन को दागदार भी किया। स्वास्थ्य खराब होने के बाद एनडी तिवारी लंबे समय से दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे जहां उन्होंने गुरुवार को 93 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। आज ही के दिन तिवारी का जन्मदिन हुआ था।
बता दें कि नारायण दत्त तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को हुआ था। राजनीतिक सफर के दौरान वह शुरुआत में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी में मौजूद थे लेकिन बाद में वह कांग्रेस से जुड़े। साल 1952 में वह प्रजा समाजवादी पार्टी के टिकट से विधायक चुने गए थे। इसके बाद साल 1957 में फिर से जीते और विधानसभा में विपक्ष के नेता बने। इसके बाद उन्होंने साल 1963 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ज्वॉइन की। साल 1965 में काशीपुर क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक चुने जाने के बाद तिवारी को उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री का पद मिला। वह भारतीय युवा कांग्रेस के पहले अध्यक्ष थे।
तीन बार बने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
जनवरी 1976 में एनडी तिवारी पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद 1979-80 तक चौधरी चरण सिंह की सरकार में वह वित्त और संसदीय कार्यमंत्री रहे। साल 1984 और 1988 में दो बार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
उत्तराखंड के सीएम और आंध्र के गवर्नर
साल 1995 में एनडी तिवारी ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह के साथ मिलकर ऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस पार्टी का गठन किया। 1996 में वह लोकसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 1997 में दोबारा कांग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेस की तरफ से लोकसभा पहुंचे। साल 2002 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने और अगस्त 2007 में उन्हें आंध्र प्रदेश का गवर्नर बनाया गया। सौजन्य से- टाइम्स नाउ