पैरासेलिंग: आसमान में उड़ान भरे बच्चों ने कहा आज कुछ तूफानी करते हैं

देहरादून। जन केसरी
शहर के अलग अलग स्कूलों और क्षेत्रों में आजकल धरती से लेकर आसमान तक साहसिक रोमांच देखने को मिल रहा है। ये रोमांच स्क्वाड्रन एलडीआर एस.पी.एस. कौशिक एशिया के नंबर एक पैरासेलिंग इंस्ट्रक्टर के नेतृत्व में किया जा रहा है। पैरासेलिंग में बढ़ चढ़कर बच्चे प्रतिभाग कर रहे हैं। कौशिक ने कहा कि सेना में जाने के लिए बच्चों का मनोबल बढ़ाने और प्रेरित करने के उद्देश्य से साहसिक इस खेल का आयोजन किया जा रहा है।
गुरुवार को शिवालिक एकेडमी सेलाकुई के छात्र-छात्राओं ने पैरासेलिंग कर आसमान में उड़कर धरती का विहंगम नजारा देखा। गणेशपुर के जेएसआर क्रिकेट ग्राउंड में छात्रों ने आसमान में उड़ान भरी। इससे पूर्व कौशिक ने पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी, द टौंस ब्रिज स्कूल आदि में भी पैरासेलिंग कराई। ये पहली बार उत्तराखंड में इस तरह के साहसिक खेल का बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।

उन्होंने बताया कि पैरासेलिंग खेल के दौरान पैराशूट को चलती गाड़ी से हवा में उड़ाया गया। जो 30 से 40 फीट तक की ऊंचाईयों के बीच उड़ाया जाता है। जिसने यह खेल खेला, उसके मुंह से निकला आज कुछ तूफानी करते हैं। शहर में पहली बार हुए इस तरह के खेलों को देखने के लिए दूर दूराज से लोग पहुंचे। कौशिक ने दावा किया कि वे एशिया के नंबर एक पैरासेलिंग इंस्ट्रक्टर हैं। जिन्होंने 92000 से अधिक लॉन्च किए हैं। उन्होंने बताया कि पैरासेलिंग सबसे साहसिक लेकिन सबसे सुरक्षित हवाई खेलों में से एक है। जिसे विकसित दुनिया के प्रमुख साहसिक स्थलों में किया जा रहा है।• तीन वर्ष से 99 वर्ष की आयु के खिलाड़ी इसमें प्रतिभाग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सबसे कम आयु तीन वर्ष के बच्चे को पैरासेलिंग कराने का गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड में उनका ही नाम है। उन्होंने बताया कि वे आकाश गंगा स्काई ड्राइविंग का हिस्सा भी रहे हैं। अभीतक साढ़े 12 सौ से ज्यादा जंप किए हैं। पैरासेलिंग की शुरुआत उनके द्वारा सबसे पहले राजस्थान से की गई। अभीतक एक लाख 20 हजार लोगों को पैरासेलिंग के माध्यम से उड़ाने का रिकॉर्ड भी कौशिक के नाम पर है। उन्होंने बताया कि छोटे से लेकर बुजुर्ग व्यक्ति तक को उड़ाया है। इसमें विकलांग भी शामिल है। रात्रि में भी लोगों को उड़ाया है। हैदराबाद में मोटरसाइकिल से पहली बार पैरासेलिंग कराई।