उत्तराखण्डक्राइम
किडनीकांड का मास्टर माइंड डॉ. अमित समेत चार गिरफ्तार
देहरादून। जन केसरी
देहरादून पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। किडनी का काला धंधा करने वाले मास्टर माइंड डॉ अमित राउत सहित अन्य चार आरोपियों को दून पुलिस ने हरियाणा के पंचकुला से गिरफतार किया है। पुलिस ने उसके सगे भाई जीवन और नर्स सरला को गिरफ्तार किया है। साथ ही इनके ड्राइवर प्रदीप उर्फ बिल्लू को रायवाला से गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 33 लाख नकद, तीन लक्जरी गाड़ियां और पांच मंहंगे फोन बरामद हुए हैं।
शनिवार को एसएसपी देहरादून निवेदिता कुकरेती ने अपने कार्यालय में आरोपियों को मीडिया के सामने पेश करते हुए किडनी कांड का खुलासा किया। इस केस का खुलासा बीते 11 सितंबर को हुआ था, इसके बाद से पुलिस आरोपियों के पीछे पड़ी थी। इसी क्रम में शुक्रवार को पुलिस ने हरियाणा पंचकुला स्थित पल्लवी होटल के पास से डॉ राउत सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसमें अमित और जीवन मुंबई के रहने वाले हैं, जबकि बिल्लू बड़ौत यूपी और नर्स सरला टिहरी गढ़वाल की रहने वाली है। एसएसपी ने बताया कि अब तक मिली जानकारी के अनुसार आरोपी इसी साल जून जुलाई से गंगोत्री अस्पताल में किडनी निकालने का काम कर रहे थे। अब तक वो यहां पर करीब 50 लोगों की किडनी निकाल चुके थे। आरोपी किडनी देने वाले और लेने वाली की सभी जांचें दिल्ली में कराते थे। मुख्य आरोपी डॉ. अमित के खिलाफ पहले से ही ईडी, सीबीआई के साथ ही कई राज्यों में किडनी निकालने के केस चल रहे हैं। उस पर मनी लांड्रिंग का केस भी चल रहा है।
डॉक्टर नहीं फिर भी ढाई हजार किडनी निकाली
आरोपी खुद को नागपुर यूनिवर्सिटी से बीएएमस डिग्री धारी डॉक्टर बता रहा है लेकिन एसएसपी ने स्पष्ट किया है कि अमित के पास डॉक्टरी की किसी तरह की डिग्री नहीं है। अलबत्ता उसकी पहली पत्नी जरूर नर्स थी, जबकि अब बेटा डॉ. अक्षय एमबीबीएस, एमएस है। अक्षय अमेरिका में रहता है, बीच बीच में ट्रांसप्लांट के लिए भारत आता है। पुलिस पूछताछ में यह सामने आया है कि अमित 89 से किडनीनिकालने के कारोबार में रमा हुआ है, अब तक ढाई हजार से अधिक लोगों की किडनी निकाल चुकी है। प्रेस वार्ता में अमित ने बताया कि वो किडनी ट्रांसप्लांट का सौदा 30 से 35 लाख में करता था। जबकि किडनी दान करने वाले लोगों को चार से पांच लाख रूपये दिए जाते थे।