नशीली दवाओं का उपयोग हमारे समय की सबसे जटिल सामाजिक चुनौतियों में से एक: चीफ जस्टिस
रुड़की, जन केसरी। कोर यूनिवर्सिटी में रविवार को नशा मुक्त भारत अभियान के तहत बहुउद्देशीय विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया । जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि उत्तराखंड के चीफ जस्टिस गुहनाथन नरेंद्र ने किया। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं का उपयोग हमारे समय की सबसे जटिल सामाजिक चुनौतियों में से एक है। जो कि आर्थिक स्थिति और समुदायों को काटता है। यह एक कानूनी और एक मानवीय दोनों तरह की चिंता है। कानून अपराधों को पहचानता है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में नशीली दवाओं की चुनौतियों का पैमाना हाल के वर्षों में काफी बढ़ा है। नवीनतम आंकड़े जो भारत के स्वापक नियंत्रण ब्यूरो एनसीबी द्वारा जारी किए गए है,वह बताते है कि जब्त की गई नशीली दवाओं का मूल्य 25,330 करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति समाज का दुश्मन है जो नशीली दवाओं का कारोबार करता है। नशीली दवाओं का प्रभाव काफी गहरा है। इसने परिवारों को नष्ट कर दिया है तथा नशेड़ी अपने ही माता पिता एवं परिवार के सदस्यों एवं दोस्तो पर हमला करते है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण की युवा आबादी तेजी से बढ़ रही है। शहरीकरण और ग्रामीण बदलाव के साथ एक महत्वपूर्ण मोड पर खड़ा है। जिसके लिए जागरूकता सबसे मजबूत ढाल है। जिसमें जल्द हस्तक्षेप हमारा सबसे तेज हथियार है और सामुदायिक जुड़ाव हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। हाईकोर्ट के जज राकेश थपलियाल ने कहा कि लोग अब नशे के दुष्परिणाम को समझने लगे हैं, यह अच्छी बात है। यह जागरूकता के बदौलत ही संभव हो पा रहा है। कहा कि एक व्यक्ति का नशा पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है। साथ ही समाज को भी। इसलिए नई पीढ़ी को यह समझना बहुत जरुरी है। कहा कि घरों में खुलेपन संवाद को विकसित करने की आवश्यकता है। गलत और सही क्या है इसपर परिवार के लोगों को खुलकर आपस में बातचीत करनी चाहिए। आईपीएस जितेंद्र चौधरी और निशा यादव ने प्रजेंटेशन के माध्यम से पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ की जा रही कार्रवाई व पहल को दर्शाया। कोर यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने एनडीपीएस एक्ट पर चर्चा की। इससे पूर्व एनआईएच के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीता। दिव्या धीमान ने कथक नृत्य की प्रस्तुति से वाहवाही लूटी। हनुमान चलीसा की प्रस्तुति ने पूरे माहौल को भक्तिमय कर दिया।
यह रहे मौजूद
जिला जज नरेंद्र दत्त, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल, एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल, सीडीओ ललित नारायण मिश्रा, मुख्य नगर आयुक्त राकेश चंद्र तिवारी आदि मौजूद रहे।
इनके लगे थे स्टॉल
वन विभाग, साइबर क्राईम सेल, नशा मुक्ति अभियान ड्रग फ्री देवभूमि मिशन, जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास, राजस्व विभाग, ट्रैफिक पुलिस, होम्योपैथिक उत्तराखंड में आयुष, उदयनी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तराखंड महिला कल्याण विभाग, समाज कल्याण, श्रम विभाग, पशुपालन, महिला हेल्पलाइन, उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति, जिला कारागार, मत्स्य आदि विभागों द्वारा स्टॉल लगाये गए थे।




