उत्तराखण्डदेहरादून

खुलासा : डाकरा पुल बनाने से पहले नेता ने अधिकारी से मिलीभगत कर कर दिया बड़ा खेल 

बिना टेंडर निकाले ठेकेदार से शुरू कराया गया काम 

देहरादून। कैंट छेत्र के डाकरा बाजार से पहले नव चेतना कालेज के पास का टूटा पुल पिछले कुछ माह से चर्चा का विषय बना हुआ हैं। इस बार ये पुल इसलिए चर्चा में हैं की निर्माण से पहले ही खेल हो गया। एक नेता जी एक अधिकारी से मिलीभगत करते हुए जल्दीबाजी के आड़ में बिना टेंडर निकाले ठेकेदार से काम भी शुरू करवा दिया हैं। विभाग के अधिकारियों का दावा है कि ये काम जल्दी किया जाना था इसलिए टेंडर निकाले बिना काम शुरू कराया गया हैं। जबकि इधर कैंट बोर्ड ने टेंडर निकाल रखा हैं।

पिछले साल बरसात में पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसके बाद से ये रास्ता वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। तबसे स्थानीय लोग इस पुल क़ो बनाने की मांग कर रहे हैं। कई बार लोगों ने प्रदर्शन भी किया। हाल में में राज्य सरकार ने करीब 55 लाख रूपये इसके लिए स्वीकृत किए। स्वीकृति के अगले ही दिन नेताजी ने एक अधिकारी से मिली भगत करते हुए बिना टेंडर जल्दी बाजी में काम भी शुरू करवा दिया।

पीडब्ल्यूडी विभाग के ईई जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि पुल निर्माण की मांग को देखते हुए बिना टेंडर काम शुरू कराया गया है। ये काम आपदा के तहत कराया जा रहा हैं।

अजब गजब: केंट बोर्ड ने निकाले टेंडर और पीडब्ल्यूडी ने बिना टेंडर निकाले शुरू करवा दिया काम

देहरादून। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि यह पुल कैंट बोर्ड क्षेत्र में पड़ता हैं। ऐसे में कैंट बोर्ड ही काम कराएगा। कैट बोर्ड ने काम करवाने के लिए टेंडर भी निकाल दिया है। इसी माह 27 तारीख क़ो टेंडर भी खोले जाएंगे। इससे पहले ही बजट स्वीकृति के अगले दिन नेताजी ने एक अधिकारी से मिली भगत करते हुए काम शुरू करवा दिया है। ताकि कमिश्नर का कुछ हिस्सा उनके जेब में भी आ सके। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नेताजी का करियर दांव पर लगा हुआ है। ऐसे में वह पुल का घटिया निर्माण कराकर पब्लिक के बीच वाहबाही लेना चाहते हैं। हालांकि नेता जी का क्षेत्र में कोई वजूद नहीं रहा है। फिर भी वह हर हथकंडे अपना रहे हैं ताकि लोग उनकी इज्जत कर सके।

 

 

 

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