चेतावनी: इस लेख में यौन शोषण का ग्राफ़िक विवरण है.
मैं दुनिया के सबसे बड़े योग संस्थानों में से एक “शिवानंद” के साथ एक योग शिक्षिका के तौर पर उस समय तक जुड़ी रही जब तक कि मुझे एक सोशल मीडिया पोस्ट ने परेशान नहीं कर दिया. इस पोस्ट ने संस्थान में दशकों से जारी यौन शोषण के कई आरोपों को सबके सामने ला दिया.जब मैं अपनी उम्र के दूसरे दशक के बीच में थी, मेरा परिचय योग से हुआ और ये मेरे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया. कई समर्पित योगियों की तरह, ये मेरे लिए सिर्फ़ एक व्यायाम नहीं था, बल्कि जीवन जीने का एक तरीक़ा था. मैंने अपने स्थानीय शिवानंद सेंटर में सिर्फ़ योग सिखाया ही नहीं, बल्कि अपनी इच्छा से वहां खाना भी बनाया और यहाँ तक कि सफ़ाई भी की. शिवानंद की शिक्षाओं ने मेरे अस्तित्व के हर पहलू को प्रभावित किया.लेकिन फिर 2019 के दिसंबर महीने में, मुझे अपने फ़ोन पर एक नोटिफ़िकेशन मिला. यह पोस्ट मेरे शिवानंद फ़ेसबुक ग्रुप में संस्थापक स्वर्गीय स्वामी विष्णुदेवानंद के बारे में थी.जूली साल्टर नाम की एक महिला ने अपनी पोस्ट में लिखा कि विष्णुदेवानंद ने कनाडा के शिवानंद मुख्यालय में उनका तीन साल तक यौन शोषण किया था.उन्होंने लिखा कि दशकों बाद जब आख़िरकार उनमें हिम्मत आई तब उन्होंने इसे शिवानंद प्रबंधन बोर्ड को बताया. लेकिन उनकी “प्रतिक्रियाएँ मौन से शुरू होकर मौन करने के प्रयास तक रहीं.”मैंने अब तक उन 14 महिलाओं का साक्षात्कार किया है, जिन्होंने वरिष्ठ शिवानंद शिक्षकों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. इनमें से कई महिलाओं ने इस बारे में अपने परिवार और यहाँ तक कि अपने दोस्तों को भी नहीं बताया है. सिर्फ़ एक ने इसे सार्वजनिक किया. मैंने एक पूर्व स्टाफ़ सदस्य से भी बात की, जिनका कहना है कि उसकी चिंताओं का शिवानंद बोर्ड ने संज्ञान नहीं लिया.मेरी पड़ताल ने इस संगठन के भीतर सत्ता और अधिकार के दुरुपयोग के दावों को उजागर किया है जिसे मैं कभी अपने बेहद क़रीब मानती थी.
शिवानंद योग क्या है?
- शिवानंद शास्त्रीय योग का एक रूप है जो शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य दोनों पर ज़ोर देता है.
- स्वामी विष्णुदेवानंद ने 1959 में कनाडा के मॉन्ट्रियल में इसे स्थापित किया और नामकरण अपने गुरु स्वामी शिवानंद के नाम पर किया.
- दुनिया भर के 35 देशों में लगभग 60 शिवानंद आश्रम और केंद्र हैं और प्रशिक्षित शिवानंद शिक्षकों की संख्या लगभग 50,000 हैं.