उत्तराखण्ड

चुनाव के तीन साल बाद विजय को घोषित किया विजयी

पिथौरागढ़: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतगणना की गड़बड़ी से हारे उम्मीदवार को तीन साल बाद न्याय मिला। जिला न्यायालय में हुई मतों की पुनर्गणना में दूसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवार को सबसे अधिक मत मिलने की बात साबित हुई है। जिला न्यायालय ने दूसरे स्थान पर घोषित किए गए उम्मीदवार को विजयी घोषित कर दिया है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य भंडारीगांव के लिए विजय चंद मैदान में थे। 1001 मतदाताओं ने इस पद के लिए मतदान किया। 27 जून 2014 को मतों की गणना हुई। विजय चंद को 500 मत पड़े, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 447 मत मिले। लेकिन, निर्वाचन कार्मिकों ने उनके प्रतिद्वंद्वी को विजयी घोषित कर दिया था।

विजय चंद ने इसकी शिकायत की लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर उन्होंने न्यायालय की शरण ली। जिला जज राजेंद्र जोशी ने इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुना। उन्होंने मामले में प्रस्तुत मौखिक, दस्तावेज और अन्य साक्ष्यों को सुना।

सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने पुनर्मतगणना का निर्णय लिया। न्यायालय में मतगणना कराई गई। इसमें  विजय चंद को सर्वाधिक 500 मत मिले। जबकि विजयी घोषित दीवान सिंह को 435 मत मिले। यह तथ्य भी सामने आया कि चुनाव में कमतोली बूथ पर विजय चंद को 149 मत तथा दीवान सिंह को 10 मत मिले थे। जबकि जून 2014 में विकास खंड में हुई मतगणना में निर्वाचन कार्मिकों ने इन मतों को उलट कर एक दूसरे के खाते दर्शा दिया था। न्यायालय ने विजय चंद को विजयी घोषित कर दिया है।

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