उत्तराखण्ड

कैंट बोर्ड ने इन घरों पर चस्पा किया मकान धवस्तीकरण का नोटिस

देहरादून। छावनी परिषद देहरादून ने अवैध निर्माण पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मंगलवार को कैंट बोर्ड की टीम ने केहरी गांव व स्मिथनगर क्षेत्र में हुए 14 अवैध निर्माण पर नोटिस चस्पा किए। जिसके तहत भवन स्वामियों को एक माह के भीतर स्वयं निर्माण तोडऩे के लिए समय दिया गया है। इसके अलावा टीम ने कुछ अन्य अवैध निर्माण भी चिन्हित करते हुए सीईओ को रिपोर्ट सौंपी है। एक सप्ताह पहले जन केसरी न्यूज पोर्टल ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
दरअसल, केहरी गांव प्रतिबंधित क्षेत्र में आता है। लेकिन यहां भूमाफिया मनमानी पर उतारू है। एक ओर जहां बगीचा काटकर अवैध प्लाटिंग की जा रही है, वहीं दूसरी ओर एक निजी स्कूल की ओर से बिना एनओसी और नक्शा पास किए निर्माण किया जा रहा है। कैंट बोर्ड को लगातार इसकी शिकायत मिल रही थी। इसी क्रम में मंगलवार को एक टीम केहरी गांव पहुंची। जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। इसके अलावा स्मिथनगर में भी कार्वाई की गई। बताया गया कि टीम ने 15 और अवैध निर्माण चिन्हित किए गए। यदि भवन स्वामी स्वयं यह निर्माण नहीं तोड़ता तो इनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मुख्य अधिशासी अधिकारी अभिनव सिंह ने बताया कि उक्त निर्माण में कुछ प्रतिबंधित क्षेत्र में, जबकि कुछ बिना नक्शा पास कराए किए जा रहे थे। इन पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। नोटिस के बाद अब सीलिंग व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
कैंट बोर्ड के सीईओ की खुली नींद
कैंट बोर्ड के सीईओ अभिनव सिंह की नींद ढाई से तीन माह बाद खुली है। तीन माह से लगातार ये खबर प्रकाशित हो रही है कि प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध निर्माण हो रहे हैं। लेकिन सीईओ साहब शायद गहरी नींद में थे। उच्चाधिकारियों को ये मामला जब संज्ञान में आया तो सीईओ साहब हरक्कत में आए। क्योंकि कुर्सी सभी को अच्छी लगती है।

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