उत्तराखण्ड

धामी की हामी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के करीबी पर भी एक्शन

देहरादून। यूकेएसएसएससी-UKSSSC वीपीडीओ भर्ती घपले में सीएम पुष्कर सिंह धामी की हामी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबी पर भी एक्शन हुआ है। भर्ती घपले में  गिरफ्तार डॉ. आरबीएस रावत तीरथ रावत सरकार में प्रमुख सलाहकार भी रहे हैं। वह आरएसएस में पर्यावरण गतिविधियों का जिम्मा देखते रहे। डा. रावत लंबे समय तक उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक भी रहे।

1978 बैच के आईएफएस डा. रावत वर्ष 2008 से 2014 तक उत्तराखंड में पीसीएफ रहे। मार्च, 15 में रिटायरमेंट के बाद वे यूकेएसएससी के पहले अध्यक्ष भी रहे। वीपीडीओ भर्ती परीक्षा विवादों में आने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वे संघ के नजदीक आ गए और वहां पर्यावरण से जुड़ी गतिविधियों का जिम्मा देखते रहे।

कांग्रेस सरकार के समय हुई थी भर्ती 
आरबीएस रावत, एमएस कन्याल, आरएस पोखरिया की गिरफ्तारी की वजह बनी वीपीडीओ भर्ती परीक्षा 2016 में हुई थी। उस समय प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी, तब आवेदकों के लिहाज से सबसे बड़ी परीक्षा होने के बावजूद सिर्फ 24 दिन में रिजल्ट जारी कर दिया गया। जिस पर तमाम सवाल उठने के बाद परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी।
2014 में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग गठित होने के बाद, आयोग ने वीपीडीओ के लिए पहली बड़ी परीक्षा आयोजित की थी।

 कब क्या हुआ 
-यूकेएसएसएससी की ओर से छह मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा कराई गई। परीक्षा में 87196 परीक्षार्थियों ने प्रतिभाग किया।
-30 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था
-उत्तराखंड शासन द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति वर्ष 2017 में गठित की गई
-वर्ष 2019 में सचिव कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग के निर्देशानुसार जांच विजिलेंस को दी गई।
-वर्ष 2020 में शासन की अनुमति के बाद मुकदमा कराया गया।
-अगस्त 2022 सीएम के आदेश पर जांच एसटीएफ को दी गई।
-एसटीएफ ने जांच को आगे बढ़ाकर साक्ष्यों को एकत्र किया।
-परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट को एफएसएल भेजा गया, जिसमें ओएमआर शीट में छेड़छाड़ होने की पुष्टि हुई।
-आठ अक्टूबर 2022 को एसटीएफ ने पूर्व अध्यक्ष, पूर्व सचिव और पूर्व परीक्षा नियंत्रक को गिरफ्तार किया।

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