नम आंखों से दी शहीद अनंत कुकरेती को अंतिम विदाई

देहरादून। जन केसरी
त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन में शहीद हुए अनंत कुकरेती को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। सोमवार सुबह दून के लाल की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान शहीद की मां व पत्नी की करुण चीत्कार ने हर किसी की आंखें नम कर दी। गमगीन माहौल में सेना व वायू सेना के अधिकारियों एवं जवानों की ओर से शहीद को सलामी दी गई और श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। दोपहर बाद हरिद्वार में सैन्य-सम्मान के संग शहीद का अंतिम-संस्कार किया गया।
माउंट त्रिशूल आरोहण के लिए निकला नौसेना का दल पांच दिन पहले शुक्रवार सुबह एवलांच की चपेट में आ गया। जिसमें नौ सेना के पांच पर्वतारोही और एक पोर्टर लापता हो गए। जिनमें से चार शहीद सैनिकों का शव बरामद किया गया है। इनमें से एक शहीद जवान अनंत कुकरेती देहरादून के गंगोत्री विहार लेन नंबर एक जोगीवाला का रहने वाले हैं। शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर का पार्थिक शरीर बेस कैंप दिल्ली से एम्बुलेंस के माध्यम से दून लाया गया। शहीद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। करुण चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया। वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो गई। शहीद की पत्नी राधा कुकरेती, माँ मधु कुकरेती, पिता जगदीश प्रसाद कुकरेती, बड़ा भाई अखिल कुकरेती, भाभी मिट्ठू कुकरेती आदि परिजन व रिस्तेदार ताबुक से लिपटकर काफी देर तक रोते बिलखते रहे। यहां हर कोई शोक में डूब गया। बुजुर्ग मां जवान बेटे के जाने के गम में बेसुध दिखीं। जबकि शहीद के भाई और भाभी किसी तरह पूरे परिवार को संभालने में लगे रहे। सोमवार दोपहर0 लगभग 1:10 बजे घर से अंतिम यात्रा कॉलोनी से मेन रोड़ तक निकली। इसके बाद यहां से सैन्य वाहन से शहीद का पार्थिव शरीर हरिद्वार स्थित श्मशान घाट ले जाया गया। जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ।