राष्ट्रीय

जीवन बीमा पॉलिसियों के बदल गए हैं नियम

 जीवन बीमा पॉलिसियों के बदल गए हैं नियम, IRDAI ने किये ये बदलाव

नॉन-लिंक्ड पॉलिसियों में न्यूनतम मृत्यु लाभ को 10 गुना से घटाकर 7 गुना कर दिया गया है। साथ ही इसमें यदि ग्राहक दो साल के बाद पॉलिसी सरेंडर करता है तो उसे एक निश्चित राशि मिलेगी।

नई दिल्ली,  बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने सोमवार को ULIP व नॉन-लिंक्ड उत्पादों सहित जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए नए नियम जारी किये हैं। नए नियमों के अनुसार, नॉन-लिंक्ड पॉलिसियों में न्यूनतम मृत्यु लाभ को 10 गुना से घटाकर 7 गुना कर दिया गया है।

नॉन लिंक्ड पॉलिसी में यदि ग्राहक दो साल के बाद पॉलिसी सरेंडर करता है, तो उसे एक निश्चित राशि मिलेगी। साथ ही नॉन-लिंक्ड पॉलिसी को रिन्यू कराने की समयसीमा को 2 साल से बढ़ाकर अब 5 साल कर दिया गया है।

विशेषज्ञों के अनुसार जीवन बीमा पॉलिसियों के नियमों में किये गए ये बदलाव ग्राहकों को लंबे समय में मदद करने वाले हैं। नए नियमों में एकल पॉलिसी के लिए न्यूनतम अवधि 5 वर्ष निर्धारित कर दी गई है। नए नियमों के अनुसार, ग्राहकों को पेंशन उत्पादों से बीमा राशि का 25 फीसद हिस्सा निकालने की अनुमति होगी। यह केवल गंभीर बीमारी, विवाह और बच्चों की शिक्षा जैसी इमरजेंसी की स्थिति में ही किया जा सकेगा।

यदि कोई ग्राहक राइडर के साथ ULIP खरीदना चाहता है, तो वो अतिरिक्त प्रीमियम की अनुमति ले सकता है। यूलिप पॉलिसी में, ग्राहकों को अब अतिरिक्त प्रीमियम के भुगतान के साथ गंभीर बीमारी सहित कई राइडर्स जोड़ने की अनुमति दी जाएगी। वर्तमान में, यदि कोई ग्राहक यूलिप पॉलिसी में राइडर लेता है, तो कंपनी के पास यूनिट को कम करने का विकल्प होता है।

यहां बता दें कि, मई महीने में IRDAI ने जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए बीमा क्षेत्र में नए नियमों को मंजूरी दी थी। यह उम्मीद की जा रही है कि इस कदम से बीमा क्षेत्र को फायदा होगा क्योंकि इससे ग्राहकों के लिए नए उत्पादों और सेवाओं को शुरू करने की प्रक्रिया आसान होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button