स्वास्थ्य

रात को अच्‍छी नींद लेने से बढ़ती है याद्दाश्‍त

रात में अधूरी नींद कई बीमारियों की जड़ होती है। अब न्‍यूरोसाइंटिस्‍ट ने दावा किया है कि रात में ली गई अच्‍छी नींद सेहत दुरुस्‍त रखने के साथ ही याद्दाश्‍त भी बढ़ाती है। नींद में खलल की वजह से अलजाइमर्स जैसी के कई साल समय से पहले होने की आशंका बढ़ जाती है। रात की नींद दिमाग में दिनभर इकट्ठा हुई चीजों को साफ करती है और दिमाग में मौजूद सेव बटन को ऑन करके याद्दाश्‍त को बढ़ाती है।
उम्र बढ़ने के साथ कम होती है गहरी नींद
यूनीवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में हुए अध्‍ययन में कहा गया है कि रात के पहले चरण में जब हम गहरी नींद में होते हैं, उम्र बढ़ने के साथ इसमें कमी आने लगती है। इसका संबंध याद्दाश्‍त में कमी से लगाया जा सकता है। अगर आप अल्‍जाइमर्स के मरीज की नींद को देखेंगे तो पता चलेगा कि नींद का बार-बार टूटना इस बीमारी का संकेत हो सकता है। या यूं भी कह सकते हैं कि रात में नींद ठीक से नहीं आने के कारण इस बीमारी के लक्षण समय से पहले नजर आ सकते हैं।
बीटा एमिलॉयड प्रोटीन अल्‍जाइमर्स के लिए जिम्‍मेदार
अल्‍जाइमर्स की बीमारी का संबंध विषैले प्रकार के प्रोटीन बीटा एमिलॉयड के बनने से होता है। इसके कारण मस्‍तिष्‍क में चिपचिपे गुच्‍छे बनने लगते हैं। यह एमिलॉयड गुच्‍छे दिमाग के कुछ हिस्‍सों को प्रभावित करते हैं, सबको नहीं। इसके कारण व्यक्‍ति की याद्दाश्‍त पर असर पड़ने लगता है।

रात में गहरी नींद की प्रक्रिया बाधित होने से बढ़ती है दिक्‍कत
प्रमुख शोधकर्ता डॉक्‍टर विलियम जेगस्‍ट ने कहा कि चूहों पर हुए अध्‍ययन में विशेषज्ञों ने देखा कि गहरी नींद न मिलने से रात में मस्‍तिष्‍क की जो सफाई होती है, उसमें बाधा आती है। यह प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से एक दुष्‍चक्र शुरू हो जाता है, जिसमें एमिलॉयड प्‍लेक्‍स के कारण गहरी नींद में बाधा आने लगती है। धीरे-धीरे नींद की समस्‍या बढ़ने लगती है और दिमाग में एमिलॉयट प्‍लेक्‍स का जमा होना बढ़ जाता है। दिमाग के अंदर रात में चलने वाली इस प्रक्रिया की वजह से हमें नया सीखने में मदद मिलती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके बाधित होने का असर हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ता है।

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