जिनके जीवन पर बनी 3 इडियट्स फिल्म उन्हें मिला रेमन मैग्सेसे पुरस्कार

मनीला (एजेंसी)। इस साल रेमन मैग्सेसे पुरस्कार की लिस्ट में दो भारतीयों का भी नाम शामिल है। डॉक्टर भारत वटवानी और सोनम वांगचुक को अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने के लिए सम्मानित किया जा रहा है। इस पुरस्कार को एशिया का नोबेल पुरस्कार माना जाता है। डॉ. भारत वटवानी को हजारों मानसिक रूप से बीमार गरीबों के इलाज के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों को लेकर सम्मानित किया गया। जबकि, सोनम वांगचुक को प्रकृति, संस्कृति और शिक्षा की दिशा में उनके योगदान को लेकर पुरस्कृत किया गया।
सोनम वांगचुक
1988 में अपनी इंजीनियरिंग डिग्री हासिल हासिल की। वे लद्दाख में छात्रों के एक समूह द्वारा 1988 में स्थापित स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीओएमएल) के संस्थापक-निदेशक भी हैं। सोनम वांगचुक को सरकारी स्कूल व्यवस्था में सुधार लाने के लिए सरकार, ग्रामीण समुदायों और नागरिक समाज के सहयोग से 1994 में ऑपरेशन न्यू होप शुरू करने का श्रेय भी प्राप्त है। सोनम वांगचुक एक लद्दाखी अभियंता, अविष्कारक और शिक्षा सुधारवादी हैं। फिल्म ‘3 इडियट्स’ में आमिर खान वाला ‘फुनशुक वांगड़ू’ का किरदार काफी हद तक इंजीनियर और इनोवेटर वांगचुक के जीवन पर ही आधारित था।
डॉ. भारत वाटवानी
डॉ. भारत वाटवानी और उनकी पत्नी ने मानसिक रूप से बीमार सड़क के लोगों को इलाज के लिए अपने निजी क्लीनिक में लाने का एक अनौपचारिक अभियान शुरू किया था। 1988 में उन्होंने इसके लिए श्रद्धा पुनर्वास फाउंडेशन का गठन किया। जिसका लक्ष्य सड़कों पर रहने वाले मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को बचाना है। इसके तहत मुफ्त आश्रय, भोजन और मनोवैज्ञानिक उपचार प्रदान किया गया और उन्हें अपने परिवारों के साथ दोबारा मिलाया भी गया। उनके बचाव कार्य को पुलिस, सामाजिक कार्यकर्ताओं और रेफरल द्वारा सहायता मिली है। यहां निशुल्क इलाज, देखभाल, चिकित्सा जांच-पड़ताल, मनोवैज्ञानिक उपचार से लेकर उचित दवाओं को प्रबंध है।
अन्य लोगों में एक फिलिपिनो का नाम शामिल है, जिन्होंने कम्युनिस्ट विद्रोहियों के साथ शांति वार्ता का नेतृत्व किया, एक पोलियो से ग्रस्त वियतनामी जिन्होंने विकलांग लोगों के खिलाफ भेदभाव की लड़ाई लड़ी, एक पूर्वी तिमोरसी जिन्होंने नागरिक संघर्ष के बीच गरीबों के लिए देखभाल केंद्र बनाए शामिल हैं।
गौरतलब है कि रेमन मैग्सेसे पुरस्कार एशिया के व्यक्तियों एवं संस्थाओं को उनके अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने के लिये प्रदान किया जाता है। इसे प्राय: एशिया का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है। यह रेमन मैगसेसे पुरस्कार फाउन्डेशन द्वारा फिलीपीन्स के भूतपूर्व राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे की याद में दिया जाता है।