उत्तराखण्ड

इस जगह पर शादी करने के लिए बढ़ा क्रेज, मार्च 2024 तक बुकिंग फुल

 गुप्तकाशी। पिछले कुछ समय से वेडिंग डेस्टिनेशन का चलन काफी बढ़ गया है। नई पीढ़ी शादी के लम्हों को यादगार बनाने के लिए अच्छी जगह की तलाश करती है। इसी बीच उत्तराखंड की एक ऐसी खबूसूरत जगह वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में  खूब चर्चा में आई है। यहां  कई हस्तियां विवाह के बंधन में बंध चुकी है।

शिव-पार्वती की विवाह स्थली त्रियुगीनारायण में नई पीढ़ी में विवाह करने का क्रेज खूब बढ़ रहा है। इस स्थान पर विवाह के लिए मार्च 2024 तक की बुकिंग मिल चुकी है। जबकि इस वर्ष मकर संक्रांति से अभी तक 50 से अधिक शादियां हो चुकी हैं। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर सोनप्रयाग से 13 किमी की दूरी पर स्थित त्रियुगीनारायण में प्रतिवर्ष विवाह आयोजनों की संख्या बढ़ रही है।

कई हस्तियां विवाह बंधन में बंध चुकी
इस पावन स्थल पर भगवान शिव और पार्वती की विवाह से जुड़े सभी साक्ष्य मौजूद हैं। सप्तवेदी की अखंड ज्योति तीन युगों से जल रही है। इस अखंड ज्योति के दर्शन कर वहां लकड़ी अर्पित करनी होती है। साथ ही मंदिर परिसर के जिस पत्थर पर राजा हिमालय ने अपनी पुत्री पार्वती का कन्यादान किया था वह भी मौजूद है।

शिव-पार्वती की विवाह स्थली त्रियुगीनारायण
शिव-पार्वती की विवाह स्थली त्रियुगीनारायण

मंदिर में प्राचीन कुंड भी हैं जिनकी अपनी विशेष महत्ता है। पिछले दो दशक में यहां कई हस्तियां विवाह बंधन में बंध चुकी हैं जिसमें उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत, सीरियल अभिनेत्री कविता कौशिक, निकिता शर्मा, अभिनेता जितेंद्र असेड़ा, आईपीएस अधिकारी अपर्णा गौतम, आईएएस अधिकारी ललित मोहन रयाल, एसडीएम जितेंद्र वर्मा शामिल हैं।

पिछले कुछ समय से वेडिंग डेस्टिनेशन का चलन काफी बढ़ गया है। नई पीढ़ी शादी के लम्हों को यादगार बनाने के लिए अच्छी जगह की तलाश करती है। इसी बीच उत्तराखंड की एक ऐसी खबूसूरत जगह वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में  खूब चर्चा में आई है। यहां  कई हस्तियां विवाह के बंधन में बंध चुकी है।

शिव-पार्वती की विवाह स्थली त्रियुगीनारायण में नई पीढ़ी में विवाह करने का क्रेज खूब बढ़ रहा है। इस स्थान पर विवाह के लिए मार्च 2024 तक की बुकिंग मिल चुकी है। जबकि इस वर्ष मकर संक्रांति से अभी तक 50 से अधिक शादियां हो चुकी हैं। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर सोनप्रयाग से 13 किमी की दूरी पर स्थित त्रियुगीनारायण में प्रतिवर्ष विवाह आयोजनों की संख्या बढ़ रही है।

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