क्रिस्टा आईवीएफ ने कानपुर में महिला स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम किए आयोजित
कानपुर। भारत की बेहद भरोसेमंद फर्टिलिटी चेंस में से एक क्रिस्टा आईवीएफ ने समुदाय में महिला स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए कानपुर में दो कार्यक्रम आयोजित किए। क्रिस्टा आईवीएफ की स्थापना वर्श 2018 में हर्षिता जैन और धीरज जैन द्वारा मिलकर की गई थी। पहले कार्यक्रम का उद्देश्य हेल्थ चेक-अप के जरिये थायरॉयड और षुगर जैसी जांच करना था। इसमें रेडक्लिफ लैब्स के समर्थन से करीब 120 महिलाओं का निःशुल्क टेस्ट किया गया। वहीं, दूसरे कार्यक्रम में, स्वास्थ्य, स्वच्छता पर जागरूकता, महिलाओं में मासिक धर्म संबंधित समस्याओं को शामिल किया गया था। इस कार्यक्रम में चीफ गेस्ट में डॉ. नेपाल सिंह (सीएमओ-कानपुर), अतुल कुमार (एडीएम-कानपुर), सुरेंदर महतांजी (एमएलए) और महिला आयोग, चेयरपर्सन एवं मेयर प्रमिला पांडे शामिल थीं। ये दोनों कार्यक्रम आषा की किरण महिला सेवा संस्थान एनजीओ की भागीदारी में आयोजित किए गए थे। महिलाओं को यौन और प्रजनन संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ता है। वहीं, महिलाओं को जटिल प्रजनन समस्या से भी सामना करना पड़ता है जिससे उन्हें गंभीर संक्रमण या रोग होने की आषंका रहती है। अनुवांशिक, हार्मोनल बदलाव और लिंगात्मक जीवनशैली संबंधित बदलाव की वजह से महिलाओं से संबंधित बीमारियां अक्सर पुरुषों से अलग होती हैं। शरीर के अन्य हिस्सों के रोगों के साथ साथ उनके उपचार भी गंभीर समस्याओं से जुड़े हो सकते हैं। इसलिए, उन्हें इस तरह की स्वास्थ्य समस्याओं और अच्छे स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए उनके संभावित समाधान के बारे में अवगत कराना बेहद जरूरी है। क्रिस्टा आईवीएफ के संस्थापक धीरज जैन ने इस पहल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘क्रिस्टा आईवीएफ में हमारा मानना है कि महिलाएं अपने परिवारों के साथ साथ समाज का भी स्तंभ होती हैं। चूंकि अपने पारिवारिक सदस्रूों के स्वास्थ्य का भी खयाल रखती हैं, इसलिए उन्हें अपने स्वयं के स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। लेकिन अक्सर वे कई छोटी स्वास्थ्य समस्याओं की अनदेखी करती हैं जिनसे आगे चलकर बड़ी स्वास्थ्य चिंता पैदा हो जाती है। हमें इसे लेकर जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। इसके लिए हमने शहर में महिलाओं के लिए हेल्थ-चेक अप के साथ साथ स्वास्थ्य जागरूकता अभियान का भी आयोजन किया, जिससे वे अपने घरेलू और कामकाजी जिम्मेदारियों से थोड़ा से समय निकाल सकें और अपने स्वयं के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल कर सकें।’