उत्तराखण्ड

अतिक्रमण पर गढ़ी कैंट में शुरू हुई राजनीति, ठेलियां लगी तो डीएम के पास जायेंगे फिर ये लोग

देहरादून। गढ़ी कैंट में शनिवार को अतिक्रमण हटाने पहुंची कैंट बोर्ड टीम का रेहड़ी -ठेली वालों ने जमकर विरोध किया। इस दौरान उन्होंने कैंट बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी भी की। कहा कि कैंट बोर्ड की टीम सब्जी उतारते समय गाड़ी का चालान कर रही है। पूर्व उपाध्यक्ष विष्णु प्रसाद गुप्ता ने ठेली-रेहड़ी वालों को आश्वासन दिया कि इस मामले में जल्द कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी व कैंट बोर्ड के अधिकारियों से बात की जाएगी। इसके बाद मामला शांत हुए। शनिवार को छावनी परिषद की टीम अतिक्रमण हटाने कैंट-डाकरा पहुंची । टीम ने फल सब्जी बेच रहे रेहड़ी–ठेली वालों के चालान करना शुरू कर दिए। जिससे गुस्साए रेहड़ी ठेली वाले एकत्रित होकर छावनी परिषद के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उनका कहना था कि उन्होंने सरकारी भूमि से रेहड़ी ठेली हटा ली है। अब निजी भूमि पर अपना धंधा कर रहे हैं। लेकिन गाड़ियों में सब्जी आएगी और गाड़ी से उतरेगी भी। छावनी परिषद की टीम गाड़ी से सब्जी उतारते वक्त उनका चालान कर रही है। जबकि जहां ठेली लग रही हैं वह डेड रोड है। वहां किसी प्रकार का ट्रैफिक नहीं चलता। कहा कि सरकार हमें कोई अन्य रोजगार दे या फिर कोई जगह बता दे, जहां हम ठेली लगा सकें। पूर्व उपाध्यक्ष विष्णु प्रसाद ने उनको छावनी परिषद के अधिकारियों व मंत्री गणेश जोशी से वार्ता कर जल्दी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। इस विषय में छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी से भी वार्ता हुई। उन्होंने कहा है कि इसका कोई समाधान निकाला जाएगा।
मानवाधिकार एवं डीएम से करेंगे शिकायत
गढ़ी कैंट में अतिक्रमण पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कैंट युवा समिति के अध्यक्ष राजेंद्र बसनेत, सचिव प्रवीण जोशी आदि ने कहा कि सरकारी जमीन पर फिर कब्जा हुआ तो वह मानवाधिकार और डीएम में इसकी शिकायत करेंगे। उन्होंने कहा कि वह वोट बैंक की राजनीति नहीं करते हैं जो लोग वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं उनसे स्थानीय लोग काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि रेडी ठेली वालों को बेरोजगार करने के वह खिलाफ हैं। सरकार व कैंट बोर्ड चाहे तो उनको कहीं पर भी स्थापित किया जा सकता है। लेकिन सरकारी जमीन पर नहीं। क्योंकि इससे आसपास के लोगों को दिक्कतें हो रही हैं।

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