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भारत का पलड़ा भारी, फिर भी पूरी हो तैयारी

नई दिल्ली। गुरुवार दोपहर तीन बजे से चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत और बांग्लादेश के बीच सेमीफाइनल मुकाबला खेला जाएगा। दोनों टीमों ने इस मैच के लिए भरपूर तैयारी की है। टीम इंडिया 2007 के विश्व कप में बांग्लादेश से हारने के बाद ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी, आज टीम के पास उस हार का बदला लेने का वक्त है। लेकिन बांग्लादेश की टीम भी खूब हुंकार भर रही है।

टीम इंडिया का मुकाबला बांग्लादेश की उस पुरानी टीम से नहीं है, जो हर किसी के आगे घुटने टेक देती थी। बल्कि ‘विराट सेना’ का मुकाबला वनडे क्रिकेट की सबसे खतरनाक टीम से है। इस मुकाबले में जो भी टीम जीतेगी उसे फाइनल में पाकिस्तान से भिड़ने का मौका मिलेगा।

हालांकि पलड़ा भारत का ही भारी है, लेकिन क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है। फिर बांग्लादेश की टीम पिछले कुछ सालों में ऐसे-ऐसे कारनामे कर चुकी है कि उसे सबसे खतरनाक टीमों की लिस्ट में सबसे ऊपर रखा जाता है। बांग्लादेश की टीम में अच्छे ऑलराउंडर हैं। ज्यादातर बड़ी टीमें इस टीम को कमजोर आंकती हैं और यही कारण है कि उनको बार-बार मुंह की खानी पड़ती है। विराट कोहली की टीम को अगर फाइनल में जगह बनानी है तो उन्हें बांग्लादेश को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अगर टीम इंडिया बांग्लादेश को कमजोर टीम मानती है तो एक बार इन आंकड़ों पर भी नजर डाल ले…

 2007 विश्व कप का वो मुकाबला याद है?

विराट कोहली और उनकी टीम को वेस्ट इंडीज में खेले गए 2007 विश्वकप के उस मुकाबले को याद करना चाहिए। पोर्ट ऑफ स्पेन के क्वींस पार्क ओवल में खेले गए ग्रुप-बी के मुकाबले में भारत और बांग्लादेश आमने-सामने थे। कप्तान सौरव गांगुली ने उस मैच में टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया था। खुद सौरव 66 और युवराज सिंह 47 के अलावा कोई बल्लेबाज बांग्लादेशी गेंदबाजी आक्रमण के आगे नहीं टिक पाया। भारत की पूरी टीम 49.3 ओवर में पवेलियन लौट गई। 192 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम ने 9 गेंद शेष रहते यह मैच 5 विकेट से जीत लिया था। बांग्लादेश की तरफ से तमीम इकबाल ने 51, मुश्फिकुर रहमान ने 56 और शाकिब अल हसन ने 53 रनों की पारी खेली थी। याद रहे कि बांग्लादेश ने भी इस वर्ल्ड कप में भारत के ग्रुप स्टेज से ही बाहर होने की पटकथा लिखी थी।

2007 विश्वकप में दक्षिण अफ्रीका को दी पटखनी

इस विश्वकप में बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के बीच सुपर 8 का मुकाबला गुयाना के प्रोविडेंस स्टेडियम में खेला गया था। दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ग्रीम स्मिथ ने टॉस जीतकर बांग्लादेश को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। बांग्लादेश ने निर्धारित 50 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 251 रन बनाए। दबाव में दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी बांग्लादेश के गेंदबाजी आक्रमण के सामने बिखर गई। उसके बल्लेबाज पूरे 50 ओवर भी नहीं खेल पाए और 48.4 ओवर में पूरी टीम पवेलियन लौट गई।

2011 विश्वकप में इंग्लैड को चखाया हार का स्वाद

साल 2011 के विश्वकप में ग्रुप-बी का मुकाबला बांग्लादेश और इंग्लैंड के बीच चटगांव में खेला गया। बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। इंग्लैंड की पूरी टीम 49.4 ओवर में 225 रन बनाकर आउट हो गई। बांग्लादेश ने 226 रनों के लक्ष्य का पीछा बड़े ही शानदार तरीके से किया। टीम ने 49 ओवर में 8 विकेट खोकर यह मैच जीत लिया और इंग्लैंड को हार का स्वाद चखाया।

2015 वर्ल्डकप में भी इंग्लैड को धोया

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेले गए पिछले विश्व कप में भी बांग्लादेश ने इंग्लैंड को पटखनी दी। एडिलेड ओवल में खेले गए इस मुकाबले में इंग्लैंड के कप्तान आयन मोर्गन ने टॉस जीता और बांग्लादेश को बल्लेबाजी का न्योता दिया। बांग्लादेश ने निर्धारित 50 ओवरों में 7 विकेट खोकर 275 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड लक्ष्य के करीब तो पहुंचा, लेकिन उसे पार करने से पहले ही उसके सभी बल्लेबाज पवेलियन लौट गए। इंग्लैंड की पूरी टीम 48.3 ओवर में 260 रन ही बना पायी। इस तरह से बांग्लादेश ने यह मुकाबला 15 रन से जीत लिया।

साल 2015 रहा शानदार

बांग्लादेश टीम के लिए साल 2015 शानदार रहा। इस टीम ने 2015 में भारत, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीमों को लगातार मात दी। सबसे पहले बांग्लादेश की टीम ने पाकिस्तान को 17 अप्रैल को 79 रनों से, फिर 19 अप्रैल को 7 विकेट और 22 अप्रैल को 8 विकेट से पटखनी दी। यह सभी मुकाबले ढाका में खेले गए थे। इसके बाद बारी टीम इंडिया की थी। 18 जून को ढाका में खेले गए मुकाबले में बांग्लादेश ने भारत को 79 रनों से हराया। इसके बाद 21 जून को एक बार फिर 6 विकेट से भारत को हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि 24 जून को खेले गए मुकाबले में भारत को जीत मिली।

दो एशियाई शेरों को धराशायी करने के बाद अब बारी अफ्रीकी सफारी की थी। 10 जुलाई को ढाका में खेले गए मुकाबले में उम्मीद के मुताबिक ही दक्षिण अफ्रीकी टीम ने बांग्लादेश को 8 विकेट से मात दी। लेकिन इसके बाद बांग्लादेश ने दक्षिण अफ्रीका को उठने का मौका नहीं दिया। 12 जुलाई को ढाका में हुए मैच में बांग्लादेश ने 7 विकेट से जीत दर्ज की जबकि 15 जुलाइ को चटगांव के मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 9 विकेट से शर्मनाक हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद इसी साल नवंबर माह में बांग्लादेश ने अपनी घरेलू सीरीज में जिम्बाब्वे को भी लगातार तीन मैचों में हराया।

भारत का पलड़ा भारी, फिर भी पूरी हो तैयारी

भारत और बांग्लादेश के बीच अब तक कुल 32 वनडे मैच खेले जा चुके हैं। भारत ने इनमें से 26 मैचों में जीत दर्ज की है, जबकि 5 बार बांग्लादेश को खुशी मनाने का मौका मिला है। 1 मैच का कोई रिजल्ट नहीं निकला। दोनों टीमों के बीच हुए मुकाबलों में भारत का जीत औसत 80 फीसद से ऊपर है, लेकिन यह भी सच है कि पांच मौकों पर बांग्लादेश ने भारत को हराया है। ऐसे में भारत को बांग्लादेश जैसी खतरनाक टीम को हल्के में नहीं लेना चाहिए। खासकर चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में तो बिल्कुल नहीं।

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