उत्तराखण्ड

फोन पर चैट करता रहा कर्मी, ठगों ने उड़ाए 42 लाख

हरिद्वार। हरिद्वार के आर्य नगर में धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां स्थित आइसीआइसीआइ बैंक के एटीएम में धनराशि डालने आए निजी कर्मचारी की आंखों में धूल झोंककर एक युवक ने 42 लाख की धनराशि पर हाथ साफ दिया। हालांकि ये पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गर्इ है। इसके आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

दरअसल ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत आर्य नगर के समीप आईसीआईसीआई बैंक प्रबंधन ने एटीएम में कैश डालने की जिम्मेदारी नेहरू कॉलोनी देहरादून स्थित सर्विस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सौंपी गर्इ है।

आज दोपहर 12 बजे कंपनी के कर्मचारी सुनील पुत्र अशोक निवासी श्यामपुर कांगड़ी अपने साथी गार्ड्स मनोज, वरुण आदि के साथ हरिद्वार पहुंचे थे। यहां पहुंचने के बाद सुनील के अन्य साथी दूसरी कंपनियों में कैश लेने के लिए चले गए, जबकि सुनील बैंक के अंदर चला गया।

उसने एक बैग में 42 लाख और दूसरे बैग में 45 लाख की रकम रखी थी। बैंक के अंदर ही दो एटीएम हैं, जिनमें से एक एटीएम के ऊपर सुनील ने पैसों से भरा बैग रख दिया। इस बीच दूसरे एटीएम पर एक युवक पहुंचा। काफी देर एटीएम में मौजूद रहने के बाद युवक ने सुनील को पीछे से हाथ मारा और एटीएम के बगल में 870 रुपए गिरे होने की बात कही।

इस पर सुनील ने रुपए उठा लिए और वापस अपने काम में लग गया। इस बीच ठग और उसके अन्य साथी कैश से भरा हुआ एक बैग लेकर फरार हो गए। इस बैग में 42,00000 की धनराशि मौजूद थी। ठगों की संख्या करीब चार बताई जा  रही है।

वहीं बैग के गायब हो जाने की बात सुनील को करीब 10 मिनट बाद पता लगी, जब वो बैग उठाने के लिए मुड़ा। उसने देखा कि बैग वहां से गायब है, जिससे उसके चेहरे की हवाइयां उड़ गर्इ और उसने तुरंत पुलिस को इस बात की सूचना दी।

मौके पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी जेपी जुयाल इंस्पेक्टर ज्वालापुर, अमरजीत इंस्पेक्टर चंद्रभान आदि ने सीसीटीवी के फुटेज खंगाले। फुटेज में तीन संदिग्ध देखे गए हैं। क्षेत्राधिकारी जेपी जुयाल  ने बताया कि सुनील की लापरवाही से ठग सफल हुए। उन्होंने बताया कि सुनील मोबाइल पर किसी लड़की से चैट कर रहा था और उसके साथ कोर्इ गार्ड भी मौजूद नहीं था। फिलहाल पुलिस अलग-अलग पहलुओं से मामले की जांच कर रही है।

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