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धौनी की इस बड़ी गलती से हारी टीम इंडिया

नई दिल्ली। भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच खेले गए चौथे मैच में टीम इंडिया को 11 रन से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम की तरफ से महेंद्र सिंह धौनी ने 54 रन की पारी खेली। इस मैच में बनाया गया अर्धशतक धौनी के वनडे करियर की सबसे धीमी फिफ्टी रही। उन्होंने हॉफी सेंचुरी बनाने के लिए 108 गेंदों का सामना किया। टीम इंडिया की बड़ी वजह भी धौनी की एक गलती रही और ऐसा भी नहीं है कि माही की ये गलती नई है।

धौनी की पुरानी गलती पड़ गई भारी

महेंद्र सिंह धौनी ने इस मैच के दौरान 54 रन की पारी खेली, लेकिन इस इंनिंग में उन्होंने भारतीय टीम की नाजुक स्थिति को संभालने के लिए 114 गेंदों का सामना किया। इस पारी के दौरान माही एक ऐसी गलती कर बैठे जो वो पहले भी बहुत बार कर चुके हैं। वो गलती थी मैच को आखिरी ओवर तक ले जाने की सोच। इस मैच में एक समय ऐसा भी आया था जब टीम इंडिया को 18 गेंदों में 19 रन बनाने थे। उस समय धौनी और जडेजा क्रीज़ पर मौजूद थे और 4 विकेट टीम इंडिया के हाथ में थे। इस समय माही इतने रन बनाने का चांस बड़े शॉट खेलकर ले सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया वो मैच को आखिरी ओवर तक और स्कोर को 179 रन के करीब ले जाना चाहते थे।

48 वें ओवर की तीसरी गेंद पर जडेजा अपना विकेट गंवाकर पवेलियन लौट गए और इस ओवर के खत्म होते-होते भारत को 12 गेंदों में 16 रन की जरूरत थी। इस ओवर में भी धौनी बड़े शॉट खेल सकते थे। वो ऐसी स्थिति में कई बार भारत को जीत दिला चुके हैं। लेकिन उन्होंने 49वें ओवर की दूसरी गेंद पर एक रन लेकर स्ट्राइक कुलदीप यादव को दे दी। यादव अगली दो गेंदों पर कोई रन नहीं बना सके और इस ओवर की पांचवीं गेंद पर उन्होंने एक रन लिया। यानि अब भारत को जीत के लिए 7 गेंदों में 14 रन की जरुरत थी। इस स्थिति में धोनी दबाव में आ गए और अगली गेंद पर बड़ा शॉट लगाने की कोशिश में उऩ्होंने अपना विकेट गंवा दिया। ऐसी स्थिति में बाद में आने वाले बल्लेबाज़ के लिए भी रन बनाना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि उनके पास खेलने के लिए गेंदें बहुत कम होती है और बनाने के लिए रन बहुत ही ज़्यादा होते हैं और फिर सब धौनी की तरह बल्लेबाज़ी भी नहीं कर सकते हैं।

धौनी की इस रणनीति पर उठते रहे है सवाल

मैच को आखिरी ओवर तक ले जाने की धौनी की रणनीति पर पहले भी सवाल खड़े हो चुके हैं। 2-3 साल पहले धौनी की कप्तानी में ही खेलने वाले गौतम गंभीर ने भी कहा था कि मुझे समझ नहीं आता की मैच को आखिरी ओवर तक ले जाने की जरूरत क्या है, जब हम पहले ही मैच को समाप्त कर सकते हैं तो। इसके साथ ही साथ गंभीर ने कहा था कि कई बार ऐसा करना टीम के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है और ऐसा ही हुआ वेस्टइंडीज़ के खिलाफ खेले गए चौथे मैच में, जिसे टीम इंडिया एक समय पर जीत सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका और भारत को 11 रन से हार का सामना करना पड़ा।

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