उत्तराखण्ड

जेल भेजे गए “गौछ मछली” के शिकारी

अल्मोड़ा : रामगंगा नदी से संरक्षित प्रजाति वाली ‘पहाड़ की गौछ मछली’  के अवैध शिकार में पांच ग्रामीणों को जेल भेज दिया गया है। बुधवार को पांचों आरोपियों का रानीखेत लाया गया, जहां मेडिकल कराने के बाद उन्हें सीजीएम कोर्ट के समक्ष पेश किया गया।

सल्ट के इनलौ गांव में गौछ मछली के शिकार के मामले में वन विभाग ने पांच लोगों को आरोपी बनाया है। करीब सवा सौ किलो वजनी व छह फुट लंबी लुप्तप्राय मछली के शिकार का खुलासा होने के बाद पूरे गांव में हड़कंप है।

विकासखंड सल्ट के डभरा स्थित इनलो गांव के कुछ ग्रामीणों ने बीती सोमवार को शेड्यूल-वन में संरक्षित गूंज मछली का अवैध शिकार किया था। सोशल मीडिया में पहाड़ी गौछ मछली का शिकार कर उसे बांस के लट्ठे पर बांधकर ले जाते ग्रामीणों की फोटो वायरल हुई थी। फोटो के पीछे प्राथमिक स्कूल इनलो का भवन भी दिखाई दे रहा था।

यह मामला वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉ. पराग मधुकर धकाते के साथ ही डीएम अल्मोड़ा सविन बंसल तक पहुंचा। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर डीएफओ एसआर प्रजापति ने विभागीय टीम गांव में भेजी।

मंगलवार देर रात विभागीय एसडीओ चंदन गिरि गोस्वामी, रेंजर संचिता वर्मा ने संयुक्त रूप से छापा मार अवैध शिकार में लिप्त पांच ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया। वारदात में प्रयुक्त डंडे, दराती व अन्य हथियार कब्जे में ले लिए गए। मुकदमा दर्ज करने के बाद बुधवार को आरोपी गणेश राम, जीत राम, लाली राम, सुरेश राम व जगदीश चंद्र को सीजेएम अल्मोड़ा की अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

 ग्रामीण में आक्रोश 

ब्लॉक के इनलौ गांव में गौछ मछली के पकड़े जाने बाद आनन-फानन में हुई करवाई से ग्रामीणों में आक्रोश है। भविष्य में लुप्त प्राय मछली का दोबारा शिकार न हो, इसके लिए रामगंगा व कोसी आदि नदियों में निगरानी बढ़ा दी गई है। टीम भी गठित कर ली है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

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