उत्तराखण्ड

कीड़े मारने की दवा खाने से 23 की तबीयत बिगड़ी

देहरादून। कृमि मुक्ति दिवस पर खिलाई गई कृमिनाशक दवा से जनपद उत्तरकाशी में 23 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। दवा खाते ही बच्चों में पेट दर्द, जी मिचलाना, चक्कर व उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देने लगे। उनकी हालत को देख बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बहरहाल तबीयत ठीक हो जाने पर बच्चों को डिस्चार्ज कर दिया गया।

गुरुवार को कृमि मुक्ति दिवस के तहत प्रदेशभर में बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई गई। इनमें आंगनबाड़ी और सरकारी-गैर सरकारी विद्यालयों के बच्चे शामिल थे। जो बच्चे छूट गए हैं उन्हें 17 अगस्त को मॉपअप डे पर दवा खिलाई जाएगी।

इस बीच 23 बच्चों की दवा खाकर तबीयत बिगड़ गई। उत्तरकाशी जिले के पुरोला में तहसील मुख्यालय से आठ किमी दूर प्राथमिक विद्यालय डेरिका में बच्चों को उल्टी व चक्कर आने से स्कूल प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। छात्रों की हालत खराब होने पर उन्हें 108 व अन्य माध्यम से सीएचसी पुरोला लाया गया। जहां चिकित्सकों ने छात्रों को उपचार दिया व हालत सामान्य होने पर उन्हें घर भेज दिया गया।

इसके अलावा चंपावत में भी बच्चों की तबीयत खराब होने की खबर है। इसकी 108 को सूचना भी दी गई, पर बाद में सूचना देने वाले ने एंबुलेंस भेजने से मना कर दिया।

अधिक कीड़े होने से आता है हल्का चक्कर 

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस रावत के मुताबिक एल्बेंडाजोल सुरक्षित दवा है। पेट में अधिक कीड़े होने की स्थिति में बच्चे को हल्का चक्कर आना या उल्टी हो सकती है। लेकिन, कुछ ही वक्त में बच्चा सामान्य अवस्था में आ जाता है। कई बार बच्चे अन्य की देखादेखी भी खुद को वही समस्या बताने लगते हैं।

पेट में बनती है गैस 

सीएचसी पुरोला के चिकित्सक डॉ. एएस भंडारी के अनुसार कृमि मारने की दवाई एल्बेंडाजोल से कई बार पेट में गैस बनने से उल्टी आदि की शिकायत होती है। जो छात्र अस्पताल लाए गए थे उन सभी की हालत सामान्य हो गई। उन्हें घर भेज दिया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button