फिल्म पद्मावती पर आखिर क्यों हो रहा विवाद, जाने इतिहास और सच्चाई

देहरादून, जन केसरी।
जिस ‘पद्मावती’ को लेकर आजकल देश भर में बवाल हो रहा है, उसकी असली जड़ चित्तौड़गढ़ है। यह एक ऐसा इतिहास है, जिसके बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए।
बॉलीवुड निर्माता संजय लीला भंसाली ने खिलजी और पद्मावती को केंद्र में रखकर मूवी ‘पद्मावती’ बनाई। चित्तौड़ की रानी पद्मावती का किरदार एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने निभाया। मूवी में रानी पद्मावती को अलाउद्दीन खिलजी की प्रेमिका बताया जा रहा है। पद्मावती के साथ खिलजी के प्रेम-प्रसंग के दृश्यों को मूवी में दिखाए जाने की बात भी पता चली है। इसलिए फिल्म के कुछ हिस्सों को रानी पद्मावती का अपमान माना जा रहा है।
देशभर से यह आवाज उठ रही है कि फिल्म में कुछ ऐसी बात शामिल की गई हैं, जो बेबुनियाद और तथ्यहीन हैं। तमाम संगठनों का कहना है कि 16000 सेविकाओं के साथ जौहर करने वाली पद्मावती को नाचते हुए दिखाना कहां की समझदारी है। देशभर में इस फिल्म का विरोध प्रदर्शन जारी है।
अब सवाल ये है कि मूवी में जो कहानी दिखाई गई है, क्या वो असल में है? रानी पद्मावती को पद्मिनी के नाम से भी जाना जाता था। वे चित्तौड़गढ़ की रानी और राजा रतनसिंह की पत्नी थीं। इन्हें बेहद खूबसूरत माना जाता था। कहा जाता है कि खिलजी वंश का शासक अलाउद्दीन खिलजी पद्मावती को पाना चाहता था। रानी को जब ये पता चला तो उन्होंने कई दूसरी राजपूत महिलाओं के साथ जौहर कर लिया। उनके अनुसार दुश्मनों के हाथ लगने से बेहतर जौहर करना ही था।
जौहर एक ऐसी प्रक्रिया है, जिनमें शाही महिलाएं अपने दुश्मन के साथ रहने की बजाय एक विशाल अग्निकुंड में कूदकर जान दे देती हैं। आज भी चित्तौड़ की महिलाओं के जौहर करने की बात को लोग गर्व से याद करते हैं, जिन्होंने दुश्मनों के साथ रहने की बजाय स्वयं को अग्नि को समर्पित करने की ठानी थी। 13वीं-14वीं सदी की महान भारतीय रानी पद्मिनी के साहस और बलिदान की गौरवगाथा इतिहास में अमर है।