कैंट बोर्ड इस ठेकेदार पर इतना मेहरबान क्यों, पहले टाइल्स उखड़ी और अब इसको देखें

देहरादून। कैंट बोर्ड देहरादून क्षेत्र में हुए विकास कार्य की अब धीरे-धीरे पोल खुल रही है। हाल ही में महिंद्रा ग्राउंड में लगाई गई हाईटेक टाइल्स ने भ्रष्टाचार की पोल खोल दी। जन केसरी ने मामले को उजागर किया तो आनन-फानन में भ्रष्टाचार पर चिपी चिपका दी गई है। कैंट बोर्ड को एक बार भी ऐसा नहीं लगा कि आखिर छह माह में ही ये टाइल्स क्यों उखड़ने लगी। इसकी जांच कराई जाए और अगर ठेकेदार या जिस किसी की लापरवाही है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
सूत्र ने बताया कि अब इसी ठेकेदार ने कैंट थाने के ठीक सामने कुछ माह पहले सड़क बनाई (मरम्मत ) थी। सड़क के क्या हाल है ये बताने की आवश्यकता नहीं है। इस क्षेत्र में जो लोग रह रहे हैं वह इससे वाकिफ होंगे। एक आध लोग इस गड्ढे में गिरे भी जरूर होंगे। वीआईपी रूट की बदहाली का आखिर कौन जिम्मेदार है। कैंट बोर्ड के अधिकारी या ठेकेदार। क्योंकि इस गड्ढे पर दोनों ही लोग चुप्पी साधे हुए हैं। जनता का ना ठेकेदार को फिक्र है और ना ही कैंट बोर्ड को।

सुबह-सुबह ज्यादातर महिलाएं स्कूटी से अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने को जाती हैं। इस रास्ते से होकर गुजरने वाली कई महिलाएं बच्चों समेत गिरी भी हैं। ई रिक्शा कई बार यहां पलट चुका है। किसी दिन बड़ा हादसा हुआ तो आखिर इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता राजेश खत्री ने कहा कि इस संबंध में वह कई बार कैंट बोर्ड में शिकायत कर चुके हैं। लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि यहां कई बार बड़ा हादसा होते-होते टला है। आवाजाही में लोगों को तमाम तरह की परेशानियां हो रही है। उन्होंने कहा कि सड़क के गड्ढे भरने के साथ ही ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे कैसे इतनी जल्द सड़क टूट सकती है। स्थानीय लोगों ने कहा कि ऐसे ठेकेदार को कैंट बोर्ड द्वारा ब्लैकलिस्ट कर देनी चाहिए जो जनता के जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है। टूटी सड़क की वजह से पूरे दिन यहां जाम भी लगता है।