इन 3 दिग्गजों ने जब भी संभाली टीम इंडिया की कमान, नहीं हरा पाई कोई भी टीम
नई दिल्ली: भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर है. विराट कोहली टीम का नेतृत्व कर रहे हैं. टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे की शुरुआत तो ठीक रही. टीम ने टी-20 सीरीज में 2-1 से जीत हासिल की लेकिन वनडे सीरीज में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई. नतीजतन तीन मैचों की सीरीज 2-1 से गंवा दी. विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने नए मुकाम हासिल जरूर किए हैं लेकिन उनका विनिंग रेशियो 100 फीसदी नहीं है. इसलिए वह इस लिस्ट में भी नहीं है. कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने 52 मैच खेले हैं जिसमें उसे 39 मैचों में जीत मिली है जबकि 12 में हार का मुंह देखना पड़ा है. 1 मैच अनिर्णित रहा.
लेकिन क्या आप जानते हैं टीम इंडिया में ऐसे तीन दिग्गज खिलाड़ी भी है जिन्हें जब भी वनडे इंटरनेशनल में कप्तानी का मौका मिला भारत को जीत मिली. आइए हम इन खिलाड़ियों की चर्चा विस्तार से करते हैं.
गौतम गंभीर: इस क्रम में सबसे पहले बाएं हाथ के बल्लेबाज गौतम गंभीर शामिल हैं. गौतम गंभीर ने वनडे में कुल 6 मैचों में कप्तानी की और उनका विनिंग रेशियो 100% रहा है. यानी टीम इंडिया ने गौतम गंभीर की कप्तानी में कोई मैच नहीं गंवाया. गंभीर ने 2010 में कप्तान के तौर पर न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में डेब्यू किया और 5-0 से सीरीज जीतकर न्यूजीलैंड का सफाया कर दिया था. महत्वपूर्ण बात यह है कि नियमित कप्तान एमएस धोनी, सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह और जहीर खान इस सीरीज का हिस्सा नहीं थे. गौतम ने अपनी ही कप्तानी में खेले गए मैचों में धमाकेदार प्रदर्शन किया था. उन्होंने पूरी सीरीज में दो शतकों के साथ 329 रन बनाए थे.
अजिंक्य रहाणे: इस कड़ी में दूसरा नाम अजिंक्य रहाणे का है. रहाणे को मई 2018 में टीम इंडिया के अफगानिस्ता दौरे पर कप्तानी सौंपी गई थी. उन्होंने कुल तीन मैचों में टीम का नेतृत्व किया और तीनों ही मैचों में भारत को जीत मिली.
अनिल कुंबले: पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले का उन गिने-चुने कप्तानों में हैं जिनके नेतृत्व में टीम इंडिया जब भी मैदान पर उतरी, जीत मिली. कुंबले का टेस्ट में कप्तान के तौर पर रिकॉर्ड उनका अच्छा नहीं है लेकिन वनडे में उन्होंने सौ फीसदी जीत दिलाई. कुंबले ने 2002 में भारत- इंग्लैंड के बीच चेन्नई में खेले गए तीसरे वनडे में कप्तानी की थी और भारत ने यह मैच चार विकेट से यह मैच जीता था. दरअसल इस मैच में गांगुली नहीं खेल पाए थे इसलिए कुंबले की कप्तानी की जिम्मेदारी दी गई थी. इंग्लैंड की पूरी टीम 48 ओवर में 217 रन पर ऑलआउट हो गई थी.