दलित समाज के विभिन्न संगठनों ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया
रुड़की। एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर के विरोध में भारत बंद का आह्वान करते हुए दलित समाज के विभिन्न संगठनों ने रुड़की में जुलूस निकालते हुए प्रदर्शन और सभाएं की। इस दौरान पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट देवेश शाशनी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।
सुप्रीम कोर्ट के एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने की इजाजत देने के खिलाफ बुधवार को दलित-आदिवासी सहित विभिन्न संगठनों ने 14 घंटे का भारत बंद का आह्वान किया था। इस भारतबंद के समर्थन में रुड़की में बुधवार को विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसमें मालवीय चौक से भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला। जुलूस गणेशपुर पुल, बाल्मिकी चौक, एसडीएम चौक होते हुए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय पहुंचा जहां। आजाद समाज पार्टी महक सिंह ने नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। उन्होंने कहा कि आरक्षण में क्रीमीलेयर करके समाज को बांटने का काम किया जा रहा है जो नहीं होने दिए जायेगा। इसके साथ ही जातिगत जनगणना की मांग भी उन्होंने की। दूसरी ओर दलित समाज के कई संगठनों ने नगर निगम स्थित आंबेडकर प्रतिमा के बाहर सभा की और फिर जुलूस निकालकर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। शहर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में युवा मौजूद रहे। नगर निगम के पास बहुजन समाज पार्टी के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों ने सभा के बाद रैली निकाली। इस दौरान सोहनवीर सिंह, भोपाल सिंह,दिगंबर सिंह, शीशराम, चंद्रपाल, रूप सिंह, शिव प्रसाद, बसंत कुमार, राजबीर सिंह, सोमपाल गोपाल, रमेश चंद, सुधीर डाटव, अरविंद, बसपा से जिलाध्यक्ष अनिल चौधरी, इरफान भाटी, अमरजीत, रामकुमार, धनराज वर्मा, सुमित जराववरे, परवीन कुमार, रोहित, आशीष मौजूद रहे।
जाम से परेशान हुए स्कूली बच्चे
शहर में आयोजित जुलूस तथा रैली के दौरान कई जगह जाम लग गया। वहीं, पुलिस ने भी भीड़ को देखते हुए कुछ चौराहों पर पहले से ही रूट डायवर्ट किया था। बावजूद शहर में जाम की स्थिति रही। मिलिस्ट्री अस्पताल के सामने से गोलचक्कर तक तथा सिविल लाइन, पटियाला चौक आदि जगह जाम की वजह से सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे परेशान हुए।
बंद का नहीं दिखा असर
भारत बंद का असर रुड़की में नहीं दिखा। रुड़की में साप्ताहि बाजार बुधवार को ही बंद रहता है। ऐसे में लगभग सारी दुकानें बंद थी। जो खुली थी युवाओं ने उसे बंद कराने की कोशिश की। हालांकि उन्होंने दुकानें नहीं बंद की। इस दौरान शहर में भारी पुलिस फोर्स तैनात रही।