उत्तराखंड को फिर राष्ट्रीय शीत खेलों की मेजबानी
देहरादून। उत्तराखंड को एक बार फिर राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों की मेजबानी मिली है। चमोली के औली में आगामी दो से पांच फरवरी तक राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय स्की महासंघ भी हिमालयन ट्राफी का आयोजन करेगा।
पर्यटन विभाग ने उक्त आयोजनों के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इन खेलों में उत्तराखंड समेत विभिन्न राज्यों की टीमें हिस्सा लेंगी। नेशनल स्कीइंग चैंपियनशिप 2023 में कुल चार इवेंट होंगे। इनमें पुरुष और महिला दोनों वर्ग के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। इसके अलावा हिमालयन ट्रॉफी 2023 के तहत 7-8 फरवरी को पुरुषों व महिलाओं के लिए एफआईएस स्वीकृत जायंट स्लैलम रेस भी होगी। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड इन आयोजनों की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। मालूम हो कि औली में जीएमवीएन द्वारा संचालित पर्वतारोहण और स्कीइंग संस्थान भी हैं, जहां विशेषज्ञ स्कीइंग में प्रतिभाओं को तैयार करते हैं।
मास्टर प्लान पर फोकस
पर्यटन विभाग ने औली के लिए मास्टर प्लान भी तैयार किया है। इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा गया है। इसके अलावा यहां साढे़ तीन किलोमीटर रेसिंग ढलान का निर्माण भी प्रस्तावित है। इससे औली स्कीइंग पेशेवरों के लिए शानदार स्कीइंग डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित हो सकेगा।
नेशनल गेम्स के लिए 70 फीसद निर्माण कार्य पूरा
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा है कि वर्ष 2024 में उत्तराखंड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों के लिए निर्माण संबंधी कार्य करीब 70 फीसदी तक पूरा हो चुका है। शेष निर्माण कार्य भी छह माह में पूरे कर लिए जाएंगे।
5 हजार खिलाड़ियों को हो रहा फायदा- रेखा आर्या
खेल मंत्री ने मंगलवार को रुद्रपुर में स्पोर्ट्स स्टेडियम के निकट बहुउद्देश्यीय क्रीड़ा भवन के लिए भूमि पूजन किया। यह भवन 3088.11 लाख रुपये की लागत से बनना है। आर्या ने कहा कि आज इस भवन का शिलान्यास हो रहा है और बहुत जल्द लोकार्पण भी होगा। उन्होंने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान इसी भवन में विभिन्न स्पर्धाएं होंगी। रेखा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय खेल दिवस पर सीएम उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति योजना लागू की थी। इस योजन के तहत वर्तमान में पूरे प्रदेश में करीब पांच हजार खिलाड़ी लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने दिव्यांग खिलाड़ियों को भी सामान्य के समान धनराशि और सुविधा मुहैया कराने का काम किया है।