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यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल होगा पुराना जयपुर!

संस्कृति राज्यमंत्री महेश शर्मा ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि राजस्थान की राजधानी जयपुर के पुराने इलाके का नाम यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची के लिए प्रस्तावित किया गया है. उन्होंने लिखित में उत्तर देते हुए कहा कि यूनेस्को के 2017 में जारी हुए दिशा-निर्देशों के अनुसार एक राज्य एक साल में सिर्फ एक नामांकन कर सकता है. महेश शर्मा ने कहा, ‘(धरोहर स्थल की) मान्यता मिलने से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलता है जिससे रोजगार सृजन, हथकरघा और स्थानीय हस्तशिल्प का प्रसार और विश्वस्तरीय संरचना का निर्माण होता है’.

भारत में इस समय 37 विश्व धरोहर स्थल हैं जिनमें ताजमहल, आगरा का किला, अजंता गुफाएं, एलोरा गुफाएं, फतेहपुर सीकरी और लाल किला परिसर शामिल हैं.यह विश्व धरोहर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के संरक्षण में हैं. यूनेस्को की सूची में हाल ही में मुंबई की 19वीं सदी के विक्टोरियन गोथिक शैली के भवनों और 20वीं सदी के आर्ट डेको भवनों को शामिल किया गया है. यह निर्णय बहरीन के मनामा में यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 42वें सत्र में लिया गया.

यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल किसे कहते है?
यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में ऐसे खास स्थानों को (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व धरोहर समिति द्वारा चयनित किए जाते हैं. इन स्थलों की देखरेख भी विश्व धरोहर समिति के द्वारा ही की जाती है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं. कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है.

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