
मुख्य चुनाव अधिकारी ने कठुआ नगर परिषद के दो पार्षदों निर्दलीय सरदार बलजीत सिंह और कांगे्रस की पुष्पा देवी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया।
कठुआ,आठ माह पहले गठित कठुआ नगर परिषद (नप) में मंगलवार एक बड़े घटनाक्रम में राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए नप प्रधान नरेश शर्मा सहित भाजपा के चार पार्षदों की सदस्यता को अयोग्य करार दे दिया। इससे नगर परिषद प्रधान की कुर्सी पर भी संकट खड़ा हो गया है। नरेश शर्मा के अलावा जिन तीन पार्षदों को अयोग्य करार दिया गया है, उनमें अजय कुमार, रेखा देवी और रेनू बाला शामिल हैं।
मुख्य चुनाव अधिकारी ने कठुआ नगर परिषद के दो पार्षदों निर्दलीय सरदार बलजीत सिंह और कांगे्रस की पुष्पा देवी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया। याचिका में नरेश शर्मा सहित चार पार्षदों पर कांगे्रस के टिकट पर चुनाव लडऩे के उपरांत भाजपा का दामन थामने पर उनके खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई थी। चार पार्षदों को अयोग्य करार दिए जाने में सबसे अहम यह है कि पार्षद नरेश शर्मा नगर परिषद के प्रधान भी हैं। ऐसे में उनकी सदस्यता रद होने से प्रधान की कुर्सी पर भी संकट आ गया है।
- कठुआ नगर परिषद : कुल पार्षद : 21
- चुनाव के बाद दिया इस्तीफा : 1
- (राजेंद्र सिंह बब्बी)
- अयोग्य घोषित : 4
21 सदस्यीय नगर परिषद में प्रधान की कुर्सी के लिए जादुई आंकड़ा 11 था। अब 16 पार्षदों की संख्या में जादुई आंकड़ा नौ रह गया है।
- अब बचे : 16
- भाजपा के पार्षद : 8
- निर्दलीय पार्षद : 7
- कांगे्रस के पार्षद : 1
(निर्दलीय में से तीन भाजपा समर्थक)
नया प्रधान बनने की स्थिति में भी भाजपा का पलड़ा भारी :
चार पार्षदों के अयोग्य घोषित होने के बाद अगर बिना चुनाव कराए नया प्रधान चुना जाता है तो भाजपा का पलड़ा भारी रहेगा। आंकड़ों के हिसाब से भाजपा के सबसे ज्यादा आठ सदस्य हैं, जिन्हें तीन निर्दलीयों का भी समर्थन मिल सकता है। निर्दलीयों के पास कांगे्रस समर्थन से भी पांच का ही आंकड़ा बनता है, जो प्रधान की कुर्सी पाने के लिए पर्याप्त नहीं है।




