मतदाताओं को सशक्त बनाने के लिए कू ऐप ने नए फीचर्स के साथ शुरू किया जागरूकता अभियान
देहरादून। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप ने घोषणा की है कि मंच कई भारतीय भाषाओं में कई हाइपरलोकल पहल पेश करेगा। इन पहल का मकसद वोट डालने से पहले मतदाताओं को सशक्त बनाने, जोड़े रखने और जानकारी देना है। भारतीय भाषाओं में ऑनलाइन अभिव्यक्ति को सक्षम बनाने वाले सबसे बड़े मंत्र के रूप में कू ऐप चुनावी प्रक्रिया में मतदाताओं का भरोसा बढ़ाने के लिए बेहतरीन फीचर्स पेश करने के साथ जागरूकता अभियान चलाएगा। यह मंच मतदाताओं को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए एक सजग निर्णय लेने में मार्गदर्शन करेगा। चुनावी राज्यों के मतदाताओं के लिए कू ऐप एक डेडिकेटेड सेक्शन लॉन्च करेगा। इनमें हिंदी, पंजाबी, मराठी आदि भाषाओं में लाइव अपडेट्स, उम्मीदवारों और पार्टियों के बारे में समाचार और निर्वाचन क्षेत्र के स्तर की घोषणाओं की जाएंगी। इसके अलावा चुनाव में संबंधित विषयों पर खुली चर्चा के लिए कू रीयल टाइम में देसी भाषाओं में चैट रूम की भी पेशकश करेगा। इस दौरान मंच पर मौजूद लाइव फीचर यूजर्स को सेशंस बनाने, अपनी नम्यूनिटी को हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित करने और इंटरफेस के माध्यम से घटनाओं को तुरंत जानने का मौका देगा। कू ऐप मतदाताओं के अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में शिक्षित करने के लिए भारतीय भाषाओं में जानकारी देने वाला अभियान भी चलाएगा। इससे चुनाव प्रक्रिया में अधिक विश्वास जगाने और जन जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी। इस अभियान के अंर्गत Koo यूजर्स को एक आकर्षक अनुभव प्रदान करने के लिए प्रश्नोत्तरी भी आयोजित करेगा, जिसमें मतदाता पंजीकरण, EPIC कार्ड डाउनलोड आदि विषय शामिल होंगे। इतना ही नहीं, मंच पर मशहूर हस्तियां और प्रभावशाली लोग मतदाता जागरूकता अभियानों में स्वेच्छा से हिस्सा लेंगे। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की भावना के लिए प्रतिबद्ध मंच कू अपने समर्पित ‘चुनाव स्वयंसेवकों के माध्यम से मतदाता नामांकन में तेजी लाने में मदद करेगा, जिन्हें प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं को पंजीकृत करने का जिम्मा सौंपा गया है। इस मेड-इन-इंडिया प्लेटफॉर्म ने पहले ही इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा स्वैच्छिक आचार संहिता’ को अपनाया है, जो चुनावों के दौरान सोशल मीडिया के पारदर्शी इस्तेमाल के लिए है। इसके अलावा आपत्तिजनक सामग्री की पहचान करने और उस पर अंकुश लगाने के लिए कू ऐप ने प्लेटफॉर्म पर आने वाले फीडबैक को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए एक मजबूत तंत्र भी स्थापित किया है। कू ऐप के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, “भारतीयों की आवाज का लोकतंत्रीकरण करने वाले एक बहुभाषी मंच के रूप में चुनावों के दौरान कू ऐप के विशेष फीचर्स यूजर्स को उनकी मातृभाषा में रीयल टाइम अनुभव प्रदान करेंगे और उन्हें चुनाव से संबंधित विषयों पर समान विचारधारा वाले लोगों के साथ जुड़ने में सक्षम बनाएंगे। स्थानीय भाषाओं में हमारे जागरूकता अभियान मतदाताओं के ज्ञान को बढ़ाने, भरोसा पैदा करने और लोगों को सजग निर्णय लेने में मदद करेंगे। एक निष्पक्ष, खुले और विश्वसनीय मंच के रूप में हम भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समाज में सकारात्मक और प्रगतिशील बदलाव लाने के लिए कू ऐप का सर्वोत्तम ढंग से फायदा उठाया जा सके।